Rewa Today Desk :रीवा जिले की बात की जाए तो रीवा में छह विधानसभा सीट हैं, नवनिर्मित मऊगंज जिले की बात की जाए तो यहां पर मऊगंज और देवतालाब दो विधानसभा हैं, रीवा जिले में रीवा के अलावा गुढ़ ,सेमरिया, सिरमौर, त्योथर और मंनगवा की विधानसभा सीट आती है.
2018 के परिणाम पर नजर डाली जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए जो 2018 में हुए थे, सभी की सभी सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में गई थी. रीवा से राजेंद्र शुक्ला चुनाव जीते थे, सेमरिया से केपी त्रिपाठी चुनाव जीते थे. मनगांव से पंचू लाल प्रजापति विधायक थे. गुढ़ से नागेंद्र सिंह विधायक हुआ करते थे. मऊगंज से प्रदीप पटेल विधायक थे. देव तालाब से गिरीश गौतम जो कि बाद में विधानसभा अध्यक्ष भी बने त्योंथर से श्यामलाल सिरमौर से दिव्यराज सिंह चुनाव जीते थे
भारतीय जनता पार्टी ने इनके कटे टिकट भारतीय जनता पार्टी ने रीवा जिले में शानदार सफलता हासिल की थी, उसके बावजूद त्योंथर से चुनाव जीते श्याम लाल द्विवेदी का टिकट काट दिया गया, मनगांव से पंचू लाल प्रजापति का टिकट काट दिया गया, उनकी जगह मंनगवा से टिकट दिया गया नरेंद्र प्रजापति को, त्योथर सीट की बात की जाए तो यहां से किसी जमाने में रीवा जिले के ही नहीं प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता के नाती सिद्धार्थ तिवारी जिन्होंने एन वक्त पर कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था को प्रत्याशी बनाया है.
सभी सीटों पर आमने-सामने या फिर त्रिकोणीय मुकाबला है रीवा और मऊगंज जिले की सभी सीटों की बात की जाए तो ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. कुछ सीटों पर बसपा भी ताल ठोकती नजर आ रही है. वहीं सपा भी कुछ सीटों पर अपना दम भारती दिखाई दे रही है. तो कहीं पर आम आदमी पार्टी भी अन्य पार्टियों पर झाडू फेर ने की स्थिति में दिखाई दे रही है. कुल मिलाकर कहा जाए मुकाबला कांटे का है जनता ने किसको आशीर्वाद दिया है, यह हमको पता चलेगा 3 दिसंबर को तब तक हमें इंतजार करना पड़ेगा.
विधानसभा के हिसाब से नजर डालने पर रीवा सीट में मुकाबला आमने-सामने दो राजेंद्र के बीच होता नजर आ रहा है. यहां पर आम आदमी पार्टी के दीपक सिंह पटेल और बीएसपी के मधुमास सोनी ने मुकाबला को रोचक बना रखा है . रीवा में ज्यादातर बात इन्हीं दोनों की हो रही है, फिर चाहे वजह कोई भी हो सकती है. गुढ़ सीट में भी कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है. कांग्रेस के कपिध्वज सिंह भारतीय जनता पार्टी के सबसे बुजुर्ग विधायक नागेंद्र सिंह के सामने मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं, यहां पर भी बीएसपी और आम आदमी पार्टी किसी का भी खेल बिगाड़ सकती है. आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के सबसे युवा प्रत्याशी प्रखर प्रताप सिंह को मैदान में उतर कर मुकाबला को रोचक बना दिया था, जिसकी चर्चा प्रदेश भर में हुई. वहीं सेमरिया सीट में कांग्रेस के बाद भाजपा वहां से लौटकर कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी बने अभय मिश्रा ने केपी त्रिपाठी के सामने मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की है, लेकिन इनके बीच में दीवार बनकर खड़े हो गए हैं, बहुजन समाज पार्टी के पंकज सिंह पटेल, यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. बात की जाए सिरमौर विधानसभा की तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी के दिव्यराज सिंह के सामने मुश्किल खड़ी करने का काम किया है, सपा के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी, बीएसपी के बीडी पांडे, कांग्रेस के राम गरीब वनवासी ने. कांग्रेस ने एक आदिवासी को सामान्य सीट से उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. वही विंध्य जनता पार्टी ने मनोज सिंह को प्रत्याशी बनाकर दिव्यराज सिंह की राह रोकने का प्रयास करने की कोशिश की, कामयाबी किसको मिलेगी यह सिरमौर की जनता 3 तारीख को बताएगी. त्योथर सीट में कांग्रेस के बागी प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी भारतीय जनता पार्टी से हैं. यहां कांग्रेस ने अपने पिछले बार के प्रत्याशी रमाशंकर सिंह पटेल पर पूरा विश्वास प्रकट किया है. भारतीय जनता पार्टी के बागी देवेंद्र सिंह ने हाथी की सवारी करके मुकाबला को रोचक बना रखा है. मऊगंज विधानसभा में कांग्रेस ने पिछली बार कांग्रेस के टिकट से हरने वाले सुखेंद्र सिंह बन्ना पर विश्वास प्रकट किया, तो आम आदमी पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी उतार कर संघर्ष को त्रिकोणीय करने का प्रयास किया है, बात की जाए देवतालाब सीट की तो यहां पर विधानसभा अध्यक्ष चाचा गिरीश गौतम से मुकाबला नजर करते नजर आ रहे हैं, भतीजे कांग्रेस के टिकट पर पद्मेश गौतम, समाजवादी पार्टी से पिछले चुनाव में काफी कम वोट से हारने वाली सीमा जयवीर सिंह. वही बहुजन समाज पार्टी पार्टी के प्रत्याशी इन सब की लड़ाई में फायदा उठाने की जुगत भिड़ते नजर आए थे. मनगांव सीट पर कांग्रेस ने पूर्व प्रत्याशी बबीता साकेत पर विश्वास जताया है तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायक का टिकट काटकर नरेंद्र प्रजापति को मैदान में उतारा है. यहां पर कांग्रेस की बागी प्रीति वर्मा भी मैदान में है.
कौन हारेगा कौन जीतेगा मैंने लिख कर दे दिया किसी भी सीट पर राजनीतिक पंडित कुछ भी कहने से बच रहे हैं, सबका कहना है 3 तारीख आने दीजिए, मैंने कागज में लिखकर रखा है, परिणाम ठीक उसी के हिसाब से आयेगे. रीवा के हर गली चौराहे में हर व्यक्ति इस समय राजनीतिक पंडित बना नजर आ रहा है. जीत हार के दावे इतने पुख्ता तरीके से कह रहा है. अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में जिसको सुनकर आप उसकी बात से पूरी तरीके से सहमत होते नजर आएंगे. इंतजार करिए 3 दिसंबर का. जब पूरी तरीके से परिणाम आपके सामने होंगे
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