Rewa Today Desk :स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा की प्राचार्या ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान झिरिया रीवा में शिक्षाविदों की एक कार्यशाला मे बोलते हुए कहा की विद्या मानव को देवत्व प्रदान करती है. विद्या मानव को विनम्रता सुसंस्कार एवं चरित्रवान नागरिक बनाने की एक महत्वपूर्ण ज्ञान है ।शिक्षा से ही एक चरित्रवान नागरिक का निर्माण होता है और वही महान व्यक्तित्व देश का और विश्व का नेतृत्व करता है। विद्या से ही भारत फिर से पुनः स्वर्णिम भारत बनेगा।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान झिरिया रीवा में आयोजित शिक्षाविदों की एक कार्यशाला में जिसका विषय था “मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षाविदों का योगदान “मे मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर मेजर विभा श्रीवास्तव प्राचार्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा ने व्यक्त किया। आपने कहा इस दिशा में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय और यहां का ज्ञान ,यहां का ध्यान मानव को देवत्व की प्राप्ति कराने वाला है इसलिए सभी ज्ञान और ध्यान के साथ एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व के निर्माण का प्रयास भी अपनी पढ़ाई में जरुर करें, तभी भारत का भविष्य उज्जवल होगा ।
इस कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करने वाले विशिष्ट अतिथियों में मुख्य रूप से डॉक्टर शालिनी रेड्डी प्राध्यापक कन्या महाविद्यालय रीवा, डॉ आरती सिंह सेवानिवृत्त सहायक संचालक शिक्षा विभाग, डॉ हरिश्चंद्र द्विवेदी प्राध्यापक शिक्षा महाविद्यालय रीवा, डॉक्टर वरुणेंद्र प्रताप सिंह प्राचार्य सीएम राइज पीके स्कूल रीवा ,डॉक्टर आर एल दीपांकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी रीवा ,डॉ गिरीश मिश्रा प्राचार्य गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक 02, वीरेंद्र शुक्ला प्राचार्य भोलगढ़ हायर सेकेंडरी स्कूल , डॉ अखिलेश गुप्ता प्राचार्य पहाड़िया कॉलेज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए संस्कारवान छात्रों के द्वारा श्रेष्ठ विश्व के निर्माण का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में अपने आशीर्वचन में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की क्षेत्रीय संचालिका राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी ने कहा कि विद्या अर्थात वह ज्ञान जो मानव के अंदर फैली बुराइयों के अंधकार को समाप्त करे, और मानव मन को ज्ञान रूपी प्रकाश से आलोकित करे, जिसके कारण संपूर्ण संसार ज्ञान प्रकाश से आलोकित हो जाए ।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए व्याख्याता शाहिद परवेज एवं नीरजा श्रीवास्तव ने कहा की संस्कारवान चरित्रवान विद्यार्थी ही भावी देश का निर्माण कर सकते हैं परंतु उनका शिक्षा देने वाले महान व्यक्तित्व के शिक्षक होना चाहिए ,जो दयालु और सुसंस्कारी हो ।इस शिक्षाविदों की कार्यशाला में कार्यक्रम का मुख्य संदर्भ के विषय में बीके रानू मिश्रा सदस्य शिक्षा प्रभाग ने कहा कि यदि समस्त शिक्षक मूलिनिस्ट वा श्रेष्ठ संस्कारों को धारण करेंगे तो अवश्य ही श्रेष्टाचारी समाज का निर्माण होगा और भारत विश्व का नेतृत्व करेगा।

इस आयोजन में अपने संबोधन में बी के दीपक तिवारी प्राचार्य ने मूल्य निष्ट शिक्षा व राजयोग के विषय में अपना अनुभव व्यक्त किया और यह भी कहा की समस्त विभाग नशा मुक्त हो जाए तो शिक्षा में बहुत ही तीव्रता से संस्कारी छात्रों का निर्माण होगा। शिक्षाविदों कि कार्यशाला में अनेक कई कॉलेजो के प्राध्यापक एवं ,स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षको ने अपनी सहभागिता की ।राजयोग मेडिटेशन बीके नम्रता बहन ने कराया और कार्यक्रम के अंत में समस्त बुद्धिजीवी शिक्षाविदों ने नशा मुक्त भारत बनाने का दृढ़ संकल्प लिया ।ये जानकारी बीके दीपक तिवारी ,ब्रह्मा कुमारीज” ,शांतिधाम” झिरिया के द्वार दी गई .
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