Rewa Today Desk : दहेज प्रथा भारत में सदियों पुरानी प्रथा है और यह आज भी हमारे समाज में विध्यमान है। दहेज धन और संपत्ति का एक उपहार है, जों दुल्हन का परिवार दूल्हे के परिवार को उनकी शादी के समय देता है। यह आम तौर पर दूल्हे के परिवार को देखभाल करने के लिए दिया जाता है। यह प्रणाली आज भी भारत देश में बहुत प्रचलित है, और इसे अक्सर सामाजिक स्थिति के संकेत के रूप में देखा जाता है।
दहेज प्रथा के नकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक है। दहेज प्रथा भारतीय समाज में गहरी जड़ें जमा चुकी है तथा यह दहेज प्रथा लैंगिक असमानता को प्रोत्साहित करती है। दहेज प्रथा पर निबंध लिखने की नोबत ही इसलिए आई क्योंकि इस सामाजिक कुरीति ने एक भयावह सामाजिक समस्या का रूप् ले लिया है। इसके चलते परिवार लड़कियों को बोझ के रूप् में देखने लग जाते हैं। क्योंकि परिवारों से अपेक्षा की जाती हैं कि वे अपनी बेटी की शादी के समय मोटी रकम अदा करेगें। संपन्न परिवारों में भी वित्तीय शोषण के मामले सामने आए है।

इसके अलावा बडी रकम मे ंदहेज देने के दबाव के कारण अक्सर परिवार कर्ज में डूब जाते हैं। यह विशेष रूप् से ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याग्रस्त है, जहां कई लोग पहले से ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे है। परिणाम स्वरूप कई लड़कियाॅं शिक्षा और स्वाथ्य देखभाल जैसी बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित रह जाती है।
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