MP News: क्या मध्य प्रदेश सरकार महिला अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है? ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि एक अंग्रेजी अखबार में खबर छपी थी कि मध्य प्रदेश की महिला अतिथि शिक्षक मातृत्व अवकाश नहीं ले पा रही हैं.
मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक लगातार नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अतिथि शिक्षकों से जुड़ा एक और मामला सामने आया है जो महिला अतिथि शिक्षकों से जुड़ा है. आपको बता दें कि अतिथि शिक्षकों का 11 महीने का अनुबंध होता है जिसके आधार पर वो सरकारी स्कूलों में पढ़ाने जाते हैं. कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में महिला अतिथि शिक्षक परेशान हैं.
खासकर उन महिला अतिथि शिक्षकों को जो गर्भवती हैं क्योंकि उनके अनुबंध में मातृत्व अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है जिसके कारण महिला अतिथि शिक्षकों को गर्भावस्था के दौरान भी स्कूल जाकर पढ़ाना पड़ रहा है। अगर वे मातृत्व अवकाश लेती हैं तो उनका अनुबंध खत्म हो जाएगा और उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
अपनी नौकरी बचाने के लिए मध्य प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक गर्भावस्था की जटिलताओं के दौरान भी स्कूल जाकर पढ़ाने को मजबूर हैं। इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अखबार की कटिंग शेयर की और साथ ही सवाल भी उठाए कि क्या मध्य प्रदेश सरकार महिला अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर सरकार या यूं कहें प्रशासन यह तर्क दे रहा है कि अतिथि शिक्षकों के अनुबंध में मातृत्व अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है
इसलिए उनके हाथ भी इस पूरे मामले में बंधे हुए हैं। इस बात के खुलासे के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या यह महिला अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव नहीं है या नहीं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या मध्य प्रदेश सरकार अब अतिथि शिक्षकों के अनुबंध में बदलाव करेगी और महिला अतिथि शिक्षकों खासकर जो गर्भवती हैं उन्हें मातृत्व अवकाश का लाभ देगी। फिलहाल विपक्ष को राज्य सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है। देखना यह है कि राज्य सरकार इस पूरे मामले में क्या करती नजर आती है।
Leave a comment