Rewa Today Desk प्रयागराज। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है।बसंत पंचमी के अमृत स्नान के एक दिन पहले से ही तीर्थ राज प्रयागराज नगरी में चारों तरफ श्रृद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी।शहर के सभी रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड और पार्किंग स्थल हर-हर गंगे,बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से गूंज रहा है।अगर यूं कहें कि आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।मौनी अमावस्या के हादसे से प्रशासन ने सबक लिया और बसंत पंचमी पर्व पर और पुख्ता इंतजाम किए।इस बार अखाड़ों के मार्ग पर कोई आम श्रृद्धालु न जा सके इस पर पूरा फोकस किया गया। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी डीजीपी प्रमुख सचिव गृह और सीनियर अफसरों के साथ तड़के 3 बजे से खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।सीएम आवास पर कंट्रोल रूम बनाया गया है।
वहीं महाकुंभ मेले में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। भीड़ संभालने के लिए 100 से ज्यादा नए आईपीएस को भी उतारा गया है।हेलिकॉप्टर से भीड़ की मॉनिटरिंग की जा रही है। 2750 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।लखनऊ में सीएम आवास पर कंट्रोल रूम बनाया गया है।हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख,शरीर पर भभूत और आंखों पर काला चश्मा वहीं घोड़े और रथ की सवारी,ये है संगम तीरे का मंजर।हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं।जानकारी के मुताबिक सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम पहुंचे। फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया।श्रृद्धालु नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगा रहे हैं। 30 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे हैं। सरकार की ओर से हेलिकॉप्टर से संगम क्षेत्र में तीर्थयात्रियों पर 20 क्विंटल फूल बरसाए।आज भी प्रयागराज शहर का ये हाल है कि संगम जाने वाले सभी रास्तों पर कई किलोमीटर तक श्रद्धालुओं का रेला है। प्रयागराज जंक्शन से करीब 8 किमी पैदल चलकर लोग संगम पहुंच रहे हैं।मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं।
जानकारी के मुताबिक बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर महाकुम्भ में अब तक स्नानार्थियों की संख्या ने 35 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया।सोमवार को सुबह 8 बजे तक 62.25 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई।इसके साथ ही महाकुम्भ में स्नानार्थियों की कुल संख्या 35 करोड़ के पार हो गई। अभी महाकुम्भ को 23 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50 करोड़ के ऊपर जा सकती है।बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर त्रिवेणी संगम में आस्था का जनसैलाब उमड़ा है।महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर नागा संन्यासियों के साथ देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु भी साक्षी बने।हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से महाकुंभ क्षेत्र गूंज उठा है।महाकुंभ के तीसरे और आखिरी अमृत स्नान पर्व पर अखाड़ों ने संगम में डुबकी लगाई।भोर में साढ़े चार बजे सबसे पहले महानिर्वाणी के संतों ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसके बाद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और फिर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े में नागाओं की भारी फौज रही।जूना अखाड़े में किन्नर अखाड़ा भी शामिल रहा।मौनी अमावस्या स्नान पर्व हादसे से सबक लेते हुए इस बार अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के लिए सेफ कॉरिडोर बनाया गया है, ताकि शाही सवारियां निकलने के दौरान उस रास्ते पर कोई आम श्रद्धालु प्रवेश न कर सकें।







पिछले स्नान पर्व पर हादसे के बाद भी प्रयागराज में श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है।पूरे देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर भी सुबह से ही करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम स्नान को पहुंचे। रविवार 2 फरवरी को करीब 1.20 करोड़ ने स्नान किया था, जिसके बाद कुल स्नानार्थियों की संख्या 35 करोड़ के करीब पहुंच गई थी, जिसने सोमवार सुबह यह आंकड़ा पार कर लिया। स्नानार्थियों में लाखों कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। स्नान पर्व पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़।अगर अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था,जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था।एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई। प्रयागराज महाकुंभ में अब तक कई प्रमुख हस्तियां डुबकी लगा चुकी हैं। जिससे गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (मंत्रिमंडल समेत) संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इसके अलावा उतर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,अर्जुन राम मेघवाल, बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्य सभा सांसद सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत,सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, हेमा मालिनी, बॉलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री, अनुपम खेर,क्रिकेटर सुरेश रैना,खली और कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा भी संगम में स्नान कर चुके हैं।
अंतिम अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा
महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन सोमवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 6.30 बजे से ही हो गई, जब अखाड़ों का अमृत स्नान जारी था। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद नागा संन्यासियों, संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।जानकारी के मुताबिक महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई थी।बताया गया कि प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की जा रही है।पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा और पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं, जबकि मौनी अमावस्या के दूसरे अमृत स्नान पर भी सांकेतिक रूप से पुष्प वर्षा कराई गई।अमृत स्नान के दौरान पुष्पवर्षा से नागा संन्यासी, साधु संत और श्रद्धालु भी अभिभूत नजर आए। हर हर महादेव, जय श्री राम, गंगा मैया की जय जैसे जयकारों से पूरा त्रिवेणी क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
देश की सनातन संस्कृति से अभिभूत विदेशी नागरिकों ने भी किया गंगा स्नान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्य और भव्य महाकुम्भ का अलौकिक आयोजन किया गया है।भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति महाकुम्भ के इस बार के अद्भुत आयोजन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ज्यादा बढ़ा दी है। महाकुम्भ में दुनिया भर के कई देशों के नागरिकों ने भाग लिया और भारत की संस्कृति को अनुभव किया। विदेशी श्रद्धालु भारत की सनातन संस्कृति से गहरे प्रभावित हुए और परिवार के साथ गंगा में स्नान किया।यूनेस्को ने महाकुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है। सीएम योगी का मानना है कि महाकुम्भ भारत की सांस्कृतिक विविधता में समायी हुई एकता और समता के मूल्यों का सबसे बड़ा प्रतीक है। यहां सब एक समान हैं। करोड़ों लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। श्रद्धालु, समस्त साधु, संन्यासियों का आशीर्वाद ले रहे हैं, मंदिरों में दर्शन कर अन्नक्षेत्र में एक ही पंगत में बैठ कर भण्डारों में खाना खा रहे हैं। महाकुम्भ भारत की सांस्कृतिक विविधता में समायी हुई एकता और समता के मूल्यों का सबसे बड़ा प्रदर्शन स्थल है, जिसे दुनिया भर से आये पर्यटक देखकर आश्चर्यचकित हैं।
(शाहिद नकवी प्रयागराज) UP HEAD
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