प्रदेश में आदिवासियों की हालत कतई अच्छी नहीं है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह प्रदेश में आते हैं। बड़े-बड़े दावे करते हैं। आदिवासियों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री छोटा भाई बताते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत बताती है। मध्यप्रदेश में होने वाले आदिवासियों पर अत्याचार की लिस्ट सीधी कांड नीमच कांड निवा कांड ना जाने कितने आदिवासी प्रदेश की अलग-अलग जगह पर शासन द्वारा दबंगों द्वारा परेशान किए जा रहे हैं।
लेकिन उन दबंगों को पकड़ा नहीं जा रहा। उन्हें बचाया जा रहा है। विक्रांत भूरिया रीवा के संजय गांधी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती अमरजीत कोल को देखने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। विक्रांत भूरिया का कहना था। अमरजीत की हालत बेहतर नहीं है। उसे जान से मारने का प्रयास किया गया। मैं भी एक डॉक्टर हूं एक-दो दिन में उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। प्रशासन किसी को गिरफ्तार नहीं कर रहा। ऐसा लगता है हमलावरों को बचाने का प्रयास कर रही है ।मध्य प्रदेश की सरकार प्रदेश सरकार दोहरा रवैया अपनाती है। पीड़ित आदिवासियों की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होती। आदिवासियों के खिलाफ क्रूरता लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश में गुंडाराज स्थापित हो गया। आदिवासियों की सोच आदिवासियों की पहचान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके चलते आदिवासी स्वाभिमान यात्रा सीधी जिले से कांग्रेश निकालने जा रही है। यह यात्रा सीधी जिले के चितरंगी धोहनी विधानसभा से निकाली जाएगी। जिसका नेतृत्व वह स्वयं करेंगे ।उनके साथ होंगे आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम, प्रदेश कांग्रेस महासचिव सिंगरौली जिले के प्रभारी गुरमीत सिंह मंगू ,यह यात्रा प्रदेश के 18 जिलों से गुजरेगी। इस दौरान 36 आदिवासी विधानसभा इसके अंदर आएंगी। यात्रा 20 दिन चलेगी 19 जुलाई से 7 अगस्त चलने वाली इस यात्रा का समापन झाबुआ में होगा। जहां पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खास तौर से मौजूद होंगे। कांग्रेसी इस समय भारतीय जनता पार्टी को लगातार घेरने का प्रयास कर रहे हैं। कोई भी मुद्दा हो जमकर उछाल रहे हैं। सीधी में जिस तरीके से पेशाब कांड के बाद रीवा के जवा में आदिवासी सरपंच को टांगीयो से मारा गया। उसको लेकर कांग्रेश काफी मुखर है ।कांग्रेसियों को कहना है आगे आने वाले नवंबर दिसंबर में विधानसभा चुनाव में प्रदेश का आदिवासी समुदाय भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाएगा। रीवा के संजय गांधी अस्पताल में विक्रांत भूरिया के साथ आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गुरमीत सिंह मंगू ,चंद्रा सरवटे, सहित काफी कांग्रेसी मौजूद रहे।
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