MP News: उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितौली रेंज के सांखनी और बकेली में पिछले सप्ताह हुई 10 हाथियों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। सीएम ने इस मामले में अभयारण्य निदेशक गौरव चौधरी और प्रभारी सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) अधिकारी फतेह सिंह निनामा को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाथियों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की फसलों की सुरक्षा को लेकर भी घोषणाएं कीं।
जारी बयान के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत की जांच कर रही टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री ने कहा- उच्च स्तरीय टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के निदेशक पर फोन बंद रखने और छुट्टी के बाद काम पर नहीं लौटने और लापरवाही बरतने का आरोप है। एसीएफ फतेह सिंह निनामा को भी निलंबित कर दिया गया चूंकि मध्य प्रदेश के जंगल हाथियों के लिए नियमित आवास बनते जा रहे हैं।
इसलिए सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वह हाथियों के लिए एक टास्क फोर्स बनाएगी। एक हाथी मित्र समूह भी बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए खेतों में सोलर-फेंसिंग सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। जारी आदेश के अनुसार, इस मामले में वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मामले की जांच में गौरव चौधरी, वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया को निर्देशों की अवहेलना और सरकारी कर्तव्यों का पालन नहीं करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि गौरव चौधरी मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्य जीव संरक्षक द्वारा सूचित किए जाने के बाद भी छुट्टी से वापस नहीं लौटे।
इतना ही नहीं, उन पर अपने मोबाइल फोन भी बंद रखने का आरोप है। इसी तरह फतेसिंह निनामा, सहायक वन संरक्षक, उप वन मंडलाधिकारी, पनपथा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया पर जांच में सक्षम नेतृत्व न देने और अधिकांश कार्यवाही अधीनस्थों पर छोड़ देने का आरोप है। इन्हें भी शासकीय कर्तव्यों का पालन न करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इन अधिकारियों को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय भोपाल रहेगा।
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