गुढ़ विधानसभा का चुनाव धीरे-धीरे त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है भाजपा कांग्रेस के बीच आम आदमी की हुई घुसपैठ
Rewa Today Desk : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिये मतदान की तारीख 17 नवंबर 2023 चुनाव आयोग ने फिक्स की है मतदान में ज्यादा दिन नहीं बचे प्रचार के लिए तो और भी कम दिन बचे हैं ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों धीरे-धीरे अपनी पूरी ताकत प्रचार कार्य में झोकती नजर आ रही है. चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी मतदाता तक पहुंचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं .
भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है राजनीतिक पंडित मानकर चल रहे हैं
यहां पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक नागेंद्र सिंह फिलहाल त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे नजर आ रहे हैं लेकिन उनकी राजनीतिक क्षमता को कोई भी प्रत्याशी कम मानकर नहीं चल रहा जिसके चलते कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अपना पूरा दाम खम लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
क्षेत्रीय मुद्दों के साथ क्षेत्रीय नेता का नारा देकर वर्तमान विधायक को घेरने का है प्रयास
एक लंबे समय से गुढ़ विधानसभा में नागेंद्र सिंह का दबदबा रहा है. लेकिन इस बार एक और कांग्रेस पार्टी के कपि ध्वज सिंह अपने पूरे दमखम के साथ चुनावी बिसात को बिछाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. कपि ध्वज सिंह पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े थे, बेहद कम वोट से हारे थे. उनके पास इस बार पंजे का चुनाव चिन्ह है. जिसके पास अपना एक वोट बैंक है वह कपिध्वज सिंह को मिलेगा ही. वहीं दूसरी और आम आदमी पार्टी के बेहद कम उम्र के प्रत्याशी प्रखर प्रताप सिंह भी क्षेत्र मैं भ्रष्टाचार बेरोजगारी के साथ युवाओं की रोजगार की बात कर रहे हैं. ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होता नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से क्षेत्र में दोनों पार्टियों के बीच जगह बनाना प्रारंभ कर दी है. बेहद पढ़े लिखे लड़के को अपने बीच पाकर मतदाताओं को जब पता चलता है, अपने ही इलाके का लड़का है, मतदाता हाथों-हाथ ले रहे हैं. फिलहाल इस बार का गुढ़ का चुनाव त्रिकोणीय होने जा रहा है.इस बार तीनों बड़ी पार्टी से एक ही जाति के प्रत्याशी होने का सबसे बड़ा लाभ क्षेत्र में यह नजर आ रहा है यहां पर जातिवाद की बयार बिल्कुल नहीं बह रही, तीनों प्रत्याशी अपने-अपने बलबूते अपने लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन जनता को फैसला करना है, 17 नवंबर को देखिए जनता का क्या होता है फैसला.
Leave a comment