Rewa Today Desk :उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के भदोही के पूर्व विधायक उदयभान सिंह को गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल की सजा,एक लाख रुपए का जुर्माना एमपी एमएलए कोर्ट का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश के भदोही के किसी जमाने के दबंग विधायक वर्तमान में पूर्व विधायक उदयभान सिंह को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और ₹100000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है किस अदालत का है ,फैसला किसने सुनाई सजा एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व विधायक को 10 साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस दौरान उदय भान सिंह कोर्ट में मौजूद थे सजा सुनाए जाने के बाद उदयभान सिंह को अदालत से ही जेल भेज दिया गया है। एमपी एमएलए कोर्ट ने इस दौरान उदयभान सिंह ने जितने दिन भी जेल की सलाखों के पीछे गुजरे थे उसको भी इसमें जोड़ने के आदेश दिए हैं
कब का और क्या है मामला
साल 1999 में भदोही में तिहरे हत्याकांड में उसे पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है और फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर था। विशेष अदालत ने अपने आदेश में लिखा है कि अभियोजन यह सिद्ध करने में सफल रहा कि उदयभान का मीरजापुर के सेमरा गांव में गिरोह है। वह अपराध के जरिए आर्थिक, भौतिक व अन्य लाभ लेता है। अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने उदय भान पर लगाए सभी आरोपी को साबित कर दिया जिसके चलते उसको यह सजा सुनाई गई है.
उदयभान के खिलाफ शिवपुर थाने में 13 जुलाई 2005 को तत्कालीन थाना प्रभारी आदित्य कुमार ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। उसमें लिखा गया था कि विनीत सिंह इलाके का दबंग है उसका संगठित गिरोह है और उदयभान, संतोष गुप्ता उर्फ किट्टू व प्रदीप उसके सदस्य हैं। सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान विनीत सिंह और उदयभान सिंह के कहने पर 13 मई 2005 को संतोष गुप्ता उर्फ किट्टू व प्रदीप उर्फ सीओ ने अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पांच मार्च 2005 को वाराणसी कोर्ट से प्रयागराज के नैनी जेल ले जाते समय गोपीगंज बाजार के पुल के पास अन्नू त्रिपाठी पर सुशील सिंह ने फायरिंग की थी। इसका आरोप भी यह विनीत सिंह और उदयभान पर लगा था. इस हमले में सरकारी वाहन चालक की मौत हो गई थी, जबकि अन्नू त्रिपाठी घायल हुआ था। उदयभान के खिलाफ भदोही में हत्या व अन्य मामले पहले से ही दर्ज हैं। अन्नू त्रिपाठी हत्याकांड में भी उदयभान के खिलाफ साक्ष्यों व गैंगचार्ट के साथ छह जुलाई 2006 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
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