Rewa News: AI टेक्नोलॉजी कि तरफ दुनिया अग्रसर है। भारत के प्रधानमंत्री हाल ही में आयोजित हुए एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में AI क्या है समझाया और बताए कि कैसे हम इसके सहारे विकास कर सकते है। लेकिन उन्हीं के सांसद ने डिजिटल जमाना और इस्तेमाल पर सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ पीएम मोदी डिजिटल इंडिया,मेक इन इंडिया का स्लोगन दे रहे तो दूसरी तरफ रीवा के सांसद जनार्दन मिश्रा ने विरोध करना शुरू कर दिया है। हाल ही में उनका एक बयान सामने आया है। जो चर्चा में है।
राज्यपाल के सामने उन्होंने कहा , “हम सब गर्व कर रहे हैं कि राज्यपाल आदरणीय मंगू भाई पटेल यहां मौजूद हैं और निश्चित तौर पर उनके सानिध्य में यह सम्मेलन बहुत फलदायी होगा क्योंकि आज यह सिर्फ विद्यार्थियों का सम्मेलन नहीं है, यह उन राजदूतों का सम्मेलन है. जिन्होंने रीवा का नाम, रीवा की गुणवत्ता, रीवा की श्रेष्ठता, रीवा के तकनीकी ज्ञान के विकास को देश-विदेश में पहुंचाने का काम किया। आज डॉ. फ्लाई हमारे सामने बैठे हैं, उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह भारत से सिर्फ दो कदम की दूरी पर है, वे इतने बड़े वैज्ञानिक हैं, लेकिन जब उनसे पूछा जाता तो वे दिन में एक-दो बार, सप्ताह में एक-दो बार रीवा का जिक्र जरूर करते,
सांसद ने कहा आपने भी डॉ. अब्दुल कलाम जी से रीवा की चर्चा की होगी कि मैं रीवा का विद्यार्थी हूं, मुझे रीवा आना चाहिए, उसी प्रकार से अगर विदेश में जितने भी विद्यार्थी हैं, उनसे पूछा जाता तो वे बताते कि मैं रीवा का विद्यार्थी हूं। मैं कॉलेज से पास आउट हूं तो आप यहां सिर्फ एक व्यक्ति के तौर पर नहीं बल्कि एक संस्था के तौर पर मौजूद हैं, एक राजदूत के तौर पर मौजूद हैं जिन्होंने पूरे रीवा को दुनिया के सामने पेश करने का काम किया है।
जनार्दन मिश्रा ने आगे कहा भाई मुझे तीन मिनट में बोलना है। तो यहां बैठे-बैठे एक बात दिमाग में आ रही थी। हम 125 साल मना रहे हैं लेकिन 60 साल आगे का क्या? एक छात्र के तौर पर जो व्यक्ति 125 साल बाद कॉलेज में आएगा वो 60 साल तक कॉलेज में छात्र के तौर पर मौजूद रहेगा। मास्टर, शिक्षक, प्रोफेसर, प्रिंसिपल और ए.ई. प्रिंसिपल इंसान या मशीन नहीं होंगे।
स्कूलों में प्रिंसिपल और शिक्षक होंगे या नहीं – सांसद | Rewa News
डिजिटल इंडिया पर सवाल करते हुए बोले कि प्रिंसिपल साहब आज ये सवाल हमारे मन में है, स्कूलों में विद्यार्थी जुटेंगे या नहीं, स्कूलों में प्रिंसिपल और शिक्षक होंगे या नहीं, वो इंसान होंगे या मशीन, आज ये सवाल दुनिया के सामने है, आपके और मेरे सामने है, क्योंकि यहाँ पर आपके विकास मूलम इंजीनियरिंग के लोग हैं, मैं आपसे निवेदन करूँगा कि आप इस पर विचार करें, आपको इस पर विचार करना चाहिए, ये आपके बनाए हथियार हैं,
पति पत्नी के प्यार पर अजीब बयान
सांसद ने कहा आज आपके बनाए औजारों से पति-पत्नी एक ही बिस्तर पर हैं, मुझे नहीं पता, मैंने किसी पति-पत्नी के बिस्तर में झाँकने की कोशिश नहीं की, लेकिन लोग कहते हैं कि जब पति-पत्नी एक ही बिस्तर पर लेटते हैं, एक का मुँह दक्षिण की ओर और दूसरे का उत्तर की ओर होता है और वो मोबाइल से प्यार करते हैं और उसके अंदर आ जाते हैं, तो ये आपकी बनाई हुई मशीन है जिसने पति-पत्नी को एक दूसरे के आमने-सामने होने की बजाय एक दूसरे के विपरीत दिशा में कर दिया, इसमें क्या बात है और आगे, मैं अभी सोच रहा था कि ५०-६० साल बाद अब आप ऑनलाइन शादियाँ करने लगे हैं जब ये बच्चे पैदा होंगे, तो वो बच्चा स्टील का बच्चा होगा या हाड़-माँस का बच्चा होगा? आज हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि हमारी मानवता, हमारा प्रेम, हमारा सहयोग, हमारी सामाजिक एकता, हमारी एकता कैसे अक्षुण्ण बनी रहे, हमारा सामाजिक जीवन कैसे इसी तरह प्रकाशित और सुगंधित बना रहे। आज विज्ञान के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र होने के नाते आपके सामने चुनौती है कि इस सामाजिक समस्या का समाधान कैसे किया जाए।
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