एबीवीपी ने किया प्रदर्शन. स्कूल प्रबंधन भी अपने स्टाफ की मान रहा गलती.
Rewa Today Desk : रीवा के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पांच साल के बच्चे को किया गया प्रताड़ित, बच्चों ने कर दी थी लैट्रिन बच्चों से धुलवाये गए कपड़े. बच्चा ठंड मे परेशान होता रहा, स्कूल प्रबंधन ने मानी गलती, परिजनो ने डीईओ कार्यालय में की शिकायत एबीवीपी ने स्कूल में किया प्रदर्शन. यह घटनाक्रम घाट रीवा शहर के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, स्कूल रीवा शहर के बोदा बाग स्थित ज्योति किण्डर गार्डेन विद्यालय में, अध्ययनरत पांच वर्षीय एलकेजी के छात्र को, स्कूल प्रबंधन द्वारा कपड़े में लैट्रिन कर देने के बाद, शारीरिक और मानसिक कष्ट दिया गया. दरअसल बच्चे ने अपने कपड़े में ही लैट्रिन कर दी थी. जिसकी वजह से आया उसको घसीटते हुए वॉशरूम में ले गई, बच्चों से ही उसके कपड़े धुलवाए गए. उसके बैग को एक कोने में फेंक दिया गया, बच्चों के शरीर पर एक पतला कपड़ा लपेटकर उसको घर भेज दिया गया. घर में बच्चों की इस हालत को देखकर घर वाले डर गए, पूछने पर उसने बड़े मुश्किल से पूरी बात बताई. जिसकी शिकायत परिजनों ने जिला शिक्षा अधिकारी से की है. जिला शिक्षा अधिकारी जांच कराकर, कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन भी अपनी गलती मान रहा है. मामला बीते शुक्रवार का है, लेकिन आज जब परिजन शिकायत लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे. तो पूरा मामला खुला. जिसके चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने, स्कूल पहुंच जमकर हंगामा मचाया, और कार्यवाही कि मांग की.
क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला रीवा के एक प्रतिष्ठित स्कूल से जुड़ा हुआ है, स्कूल में बड़े मुश्किल से एडमिशन मिलता है. शहर में स्कूल की बड़ी साख है. स्कूल का नाम है, किंडर गार्डन ज्योति स्कूल . जहां बीते 18 जनवरी को बच्चा अपनी क्लास में था. अचानक बच्चे ने क्लासरूम में लैट्रिन कर दी, जिसके बाद क्लास ले रही टीचर ने बच्चे को जमकर डांटना शुरू कर दिया, तत्काल आया को बुलाया गया, आया क्लासरूम में पहुंची, और बच्चे को डांटते और खींचते हुए अपने साथ वाशरूम ले गई. जहां आया और टीचर द्वारा बच्चे को डांटते हुए बच्चे से ही उसके कपड़े उतरवाए गए, और उसी से कपड़े को साफ करने को कहा गया. पांच साल के बच्चे ने यह सब किया डरते डरते, वह बेहद डर गया था. जिस तरीके से टीचर और आया उसके ऊपर चीख चिल्ला रहे थे, बच्चा भी समझ रहा था, उस से गलती हुई है.
कल्पना करिए बच्चों के लिए यह पल कितना मानसिक प्रताडित करने वाला रहा होगा. इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके बाद गीले जूते, और मोजे के ऊपर ही बच्चे के शरीर में एक पतला कपड़ा लपेट दिया गया. बच्चा ठंड से कपंता रहा, इतना ही नहीं मारे गुस्से के आया ने बच्चे के कपड़े और बैग गलियारे में फेंक दिया, बच्चे के घर पहुंचने के बाद परिजनो अपने बच्चों की यह हालत देखी, तो बेहद घबरा गए. उन्होंने बच्चों को किसी तरीके से नॉर्मल किया, और फिर उससे जानकारी ली, और तीन दिन तक यह सोचते रहे, शिकायत करें कि ना करें. स्कूल प्रबंधन से भी धमकी मिली थी, बच्चों को पढ़ना है. तो चुप तो रहना ही होगा. लेकिन परिजन सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच गए. शिकायत लेकर, शिकायत कर कार्यवाही कि मांग की. वहीं आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा भी प्रदर्शन किया गया. पूरे मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन भी अपनी गलती मान रहा है. और सारा ठीकरा आया के सर पर फोड़ने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी स्कूल के ऊपर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. जिसके चलते आज उसने स्कूल के गेट पर जमकर नारेबाजी भी की, वहीं दूसरी और जिला शिक्षा अधिकारी भी जांच कर कर उचित कार्यवाही की बात कह रहे हैं.
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