CM Mohan Yadav can make a big announcement, Laadli sisters can get 3000 rupees in the next installment, read
Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा और अब झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों में महिला मतदाता गेम चेंजर साबित हुईं। महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘लड़की बहन योजना’ और झारखंड में चल रही ‘मैया सम्मान योजना’ ने नजारा बदल दिया। लेकिन क्या इन योजनाओं की वजह से इन राज्यों में बीजेपी को मिली बंपर जीत का असर मध्य प्रदेश में भी दिखेगा? वजह यह है कि महिलाओं के लिए सौगात बनकर आई।
Rewa News: क्या? रीवा वासियों के साथ हुआ धोखा,₹999 में नहीं हो रही बुकिंग,जिले में शुरू हुआ हवाई सफर
इस योजना का खाका भी एमपी में ही तैयार हुआ था और इस योजना को सबसे पहले धरातल पर लाने का श्रेय भी एमपी को ही जाता है, लेकिन हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड तक इस योजना में सबसे कम राशि मध्य प्रदेश में दी जा रही है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मोहन सरकार घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक लाडली बहना योजना का बजट बढ़ाएगी, क्या लाडली बहना योजना में दी जाने वाली राशि 1250 रुपये से आगे बढ़ेगी।
एमपी में सबसे कम राशि
अब अगर इस योजना को लागू करने वाले राज्यों पर नजर डालें तो इस योजना में सबसे कम राशि झारखंड में दी जा रही है, जो मध्य प्रदेश से दो कदम आगे है। यहां मैया सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाती है। वहीं महाराष्ट्र में चुनाव से पहले लड़की बहिन योजना के तहत बहनों को 1500 रुपये दिए जा रहे हैं और सरकार ने चुनाव के बाद इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है। हरियाणा में भी 1500 रुपये दिए जा रहे हैं, लेकिन घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक सरकार 2100 रुपये तक किस्तों में देगी।
लाडली बहिन सांसद का ट्रंप कार्ड
महिलाएं चाहें तो सरकार बदल सकती हैं। यह बात लाडली बहिन के कारण एमपी में पांचवीं बार सत्ता में आई भाजपा सरकार ने साबित कर दी है। कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में एकतरफा जीत के पीछे एमपी का यह ट्रंप कार्ड रहा है। कमोबेश हर राज्य ने चुनाव से पहले महिलाओं के लिए यह योजना शुरू की और चुनाव आते-आते ट्रेलर दिखाकर मतदाताओं को बता दिया गया कि यह फिल्म तभी देखने को मिलेगी, जब इस पार्टी की सरकार सत्ता में आएगी। अत: जो मध्य प्रदेश में हुआ, वही कर्नाटक, फिर हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में दोहराया गया और यह योजना हर जगह सफल साबित हुई।
Leave a comment