MP News These employees in Madhya Pradesh are worried about losing their jobs, they have not received a big salary for so many days
MP News: मध्य प्रदेश में काम कर रहे 5 लाख आउटसोर्स और 3 लाख अस्थायी अंशकालिक कर्मचारियों की अपनी अलग ही परेशानियां हैं। ये 8 लाख कर्मचारी इन दिनों एक अलग तरह के डर में जी रहे हैं। डर ऐसा है कि इन्हें ये भी नहीं पता कि जिस नौकरी की बदौलत ये 8 लाख कर्मचारी अपना घर चला रहे हैं वो रहेगी भी या नहीं इन कर्मचारियों का वेतन पिछले 10 सालों में नहीं बढ़ा है,अगर साल 2019 की बात करें तो इन कर्मचारियों को वेज रिवीजन बोर्ड की सिफारिशों का लाभ नहीं मिला।
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हालात ये हैं कि कमल नाथ सरकार ने इन कर्मचारियों का वेतन ₹1,1942 बढ़ाया था, लेकिन उससे पहले ही हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई और सरकार को स्टे मिल गया, अब हालात ये हैं कि 10 से 13000 सैलरी पाने वाले इन कर्मचारियों को अब डर सता रहा है कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए, पहले ये आंकड़े देखिए जो बता रहे हैं कि इन कर्मचारियों की हालत क्या है? वेतन कितना है।
अकुशल कर्मचारियों का वेतन 9650 अर्धकुशल कर्मचारियों का वेतन 0507 कुशल कर्मचारियों का वेतन885 उच्च कुशल कर्मचारियों का वेतन 13185 आपको बता दें कि आउटसोर्स से कर्मचारियों की भर्ती को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। नियमित कर्मचारी कभी नहीं चाहते थे कि आउटसोर्स कर्मचारियों को रखा जाए, लेकिन कम वेतन और अन्य सुविधाओं से बचने के लिए सरकार ने धीरे-धीरे सभी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती कर दी।
लेकिन अब सरकार उन्हें सही वेतन नहीं दे पा रही है हालात ये हैं कि इन कर्मचारियों को वही वेतन दिया जा रहा है जो साल 2014 में तय किया गया था,इस वेतन में 20 से 80 का महंगाई भत्ता ही दोगुना जोड़ा गया। अब इन आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई लगभग दोगुनी हो गई है।
ऐसे में वो इतने कम वेतन में कैसे काम कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कई आउटसोर्स कर्मचारियों को सिर्फ इसलिए निकाल दिया जाता है क्योंकि उन्होंने दिवाली पर वेतन एडवांस मांगा था अब ऐसे में कौन तय करेगा कि इन आउटसोर्स कर्मचारियों का क्या होगा।
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