केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के लिए पोर्टल लॉन्च किया है। योजना के तहत लाभार्थी अब पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इस दौरान केंद्र सरकार ने 147 संस्थाओं और बैंकों के साथ करार किया है। ये संस्थाएं लाभार्थियों को लोन मुहैया कराएंगी। योजना के तहत लोगों को 1.80 लाख रुपये तक की ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे संस्करण को लॉन्च करते हुए केंद्र सरकार ने लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी देने के लिए 147 लोन देने वाली संस्थाओं और बैंकों के साथ करार किया है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने पीएम आवास योजना के घटक ब्याज सब्सिडी योजना पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि सभी पक्षों को मिलकर सही लाभार्थियों की पहचान करनी होगी और उन्हें योजना के मुताबिक आवास मुहैया कराना होगा। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि बेघर लोगों को इस योजना का फायदा मिले और इसमें कोई बाधा न आए।
केंद्र ने लांच किया पोर्टल
केंद्र सरकार मकानों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना पर जोर दे रही है, क्योंकि इसके दायरे में निम्न आय वर्ग के अलावा मध्यम वर्ग के लोग भी आएंगे। इसके लिए बैंकिंग समुदाय का महत्व सबसे ज्यादा है। केंद्र सरकार इस योजना का लाभ लेने वालों को 1.80 लाख रुपये तक की ब्याज सब्सिडी देगी।
सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए पोर्टल भी लांच किया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा बनाए गए इस पोर्टल के जरिए पीएम आवास योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
मॉनीटरिंग होगी आसान
पोर्टल ने आवेदकों के लिए आवेदन प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इसके जरिए आवेदक अपने आवेदन की स्थिति भी जान सकेंगे। योजना के क्रियान्वयन में शामिल सभी पक्ष इसमें अपना डेटा भी साझा कर सकेंगे। इससे न सिर्फ योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि केंद्रीय स्तर पर इसकी निगरानी भी की जा सकेगी। कार्यशाला में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों समेत 250 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
योजना कब शुरू हुई?
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी। इस योजना का उद्देश्य बेघर लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अनुसार, गरीबों को पक्का मकान बनाने में सहायता प्रदान की जाती है। सरकार इन मकानों में बिजली और पानी की व्यवस्था करती है। शौचालय और रसोई की भी व्यवस्था की जाती है।
इनको मिलती है प्राथमिकता
योजना में अनुसूचित जाति और जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, अल्पसंख्यक और ट्रांसजेंडर को प्राथमिकता दी जाती है।
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