Sunday , 13 July 2025
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    Rewa today : किताबें और ड्रेस खरीदने में स्कूल अब नहीं कर सकेंगे मनमानीनिजी स्कूलों में प्रवेश की पारदर्शी प्रक्रिया के लिए जारी है धारा 144 के तहत आदेश

    Rewa today: Schools will no longer be able to act arbitrarily in purchasing books and dresses. Order under Section 144 issued for transparent process of admission in private schools.

    Rewa Today Desk : जिले के शासकीय और निजी स्कूल तथा कालेजों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी
    पढ़ाई कर रहे हैं। जिले की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन द्वारा शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश, विद्यार्थियों की
    फीस, किताबें और ड्रेस खरीदने के संबंध में गंभीर शिकायतें मिली हैं। इन पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर एवं जिला
    दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
    किए हैं। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (5) के तहत एक पक्षीय रूप से जारी किया गया है। आदेश
    का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, शिक्षण संस्था के प्राचार्य तथा प्रबंधक के विरूद्ध धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज
    कर कार्यवाही की जाएगी।


    जारी आदेश के अनुसार विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूल अथवा अन्य शिक्षण संस्थान पुस्तकें, ड्रेस
    अथवा अन्य सामग्री खरीदने के लिए किसी विशेष दुकान से बाध्य नहीं कर सकेंगे। जिले के सभी अशासकीय स्कूल
    जो मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल अथवा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मण्डल (सीबीएसई) अथवा आईसीएसई से
    संबद्ध हैं उनमें यह आदेश पूरी तरह से लागू होगा। निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल के प्रवेश प्रारंभ की तिथि,
    प्रक्रिया, स्कूल में उपयोग की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों, स्टेशनरी, पठन-पाठन सामग्री, स्कूल बैग, ड्रेस, स्पोर्ट्स किट,
    परिवहन सुविधा एवं फीस के संबंध में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से ली जाने वाली राशि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर
    प्रदर्शित करना आवश्यक होगा। इसे स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करें।


    जारी आदेश के अनुसार निजी स्कूल उसमें प्रवेश की विवरण पुस्तिका एवं प्रवेश आवेदन पत्र प्राप्त करने
    के संबंध में पूरी जानकारी स्कूल के सूचना पटल और वेबसाइट में उपलब्ध कराएं। इसके लिए यदि अभिभावकों से
    किसी भी तरह की राशि ली जाती है तो उसका स्पष्ट उल्लेख करें। सभी निजी स्कूल केवल उन्ही पाठ्यपुस्तकों का
    निर्धारण करें जो उसकी संबद्धता वाले बोर्ड से स्वीकृत हों। निजी स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों
    को केवल चुने हुए दुकानदार से पुस्तकें, ड्रेस, टाई, जूते, स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। इन
    सामग्रियों को खुले बाजार से खरीदने के लिए विद्यार्थी स्वतंत्र होंगे। स्कूल संचालक विद्यार्थी की ड्रेस को छोड़कर
    किसी भी पाठ्य सामग्री पर स्कूल का नाम उल्लेखित नहीं करेंगे। स्कूल यदि ड्रेस में कोई परिवर्तन करता है तो वह
    आगामी तीन शिक्षण सत्रों तक यथावत लागू रहेगा। तीन वर्ष के बाद ही इसमें परिवर्तन हो सकेगा।जारी आदेश के अनुसार निजी स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों को दी जा रही परिवहन सुविधाओं के संबंध में
    शासन, परिवहन विभाग तथा शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों का कठोरता से पालन करेंगे। छात्रों को परिवहन
    सुविधा देने पर अभिभावकों से ली जाने वाली राशि नियम तीन के उप नियम दो के खण्ड चार के अनुसार
    प्रस्तावित फीस संरचना में शामिल करें। सभी निजी स्कूल संचालक आगामी शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले अनिवार्य
    रूप से कक्षावार पुस्तकों और उनके लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य सूचना पटल पर प्रदर्शित करें।
    विद्यार्थियों अथवा अभिभावकों द्वारा मांगे जाने पर सूची उन्हें उपलब्ध कराएं। सभी स्कूल प्रबंधक इस सूची को
    स्कूल की वेबसाइट, रीवा एनआईसी डॉट इन तथा डीओआरई डब्ल्यू डॉट एमपी एट द रेट एनआईसी डॉट इन पर
    अनिवार्य रूप से प्रेषित करें।


    जारी आदेश के अनुसार सभी निजी स्कूल प्रबंधक सूचना पटल पर स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख करें
    कि पुस्तकें, ड्रेस तथा अन्य सामग्री किसी विशेष दुकान से खरीदने की बाध्यता नहीं है। पुस्तकों के अतिरिक्त
    स्कूलों द्वारा यूनिफार्म, जूते, कॉपियाँ आदि की बिक्री का प्रयास नहीं किया जाएगा। स्कूल की स्टेशनरी, ड्रेस तथा
    अन्य पठन-पाठन सामग्री में स्कूल का नाम प्रिंट करवाकर दुकानों से क्रय करके अथवा किसी एक विशिष्ट दुकान
    से बिक्री कराना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर ने सभी एसडीएम तथा जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश
    का कठोरता से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

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