Rewa Today Desk : कोविड वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि दुर्लभ मामलों में कुछ लोगों में टीके के दुष्प्रभाव हो सकते हैंए जिससे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम टीटीएस होने का जोखिम बढ़ जाता है। इस खबर के सामने आने के बाद से लोगों के मन में कई प्रकार का डर देखा जा रहा है। विशेषतौर पर जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ली है उन्हें चिंता है कि कहीं ये टीके उनमें हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम तो नहीं बढ़ा देंगे
एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में ये स्वीकार किया है कि दुर्लभ स्थितियों में ये टीके शरीर में खून का थक्का बनाने वाली श्टीटीएस विकार का खतरा बढ़ा सकते हैं। गौरत है भारत में अधिकतर लोगों को एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन लगी है। ऐसे में सवाल है कि श्टीटीएस क्या समस्या है और जिन्हें ये टीका लगा हुआ है उनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम बढ़ गया है आइए समझते हैं। वैक्सीन का प्रभाव शरीर में कुछ महीनों में कम होने लगता है और बूस्टर डोज ले चुके लोगों को भी डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका हैए ऐसे में ज्यादा डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं है। थ्रोम्बोसिस एंड थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम को कोविड.19 टीकों से जुड़ी एक दुर्लभ जटिलता माना जा रहा है। डॉक्टर ष्थ्रोम्बोसिसष् शब्द का उपयोग रक्त का थक्का बनने की समस्या के रूप में करते हैंए ये रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकता है। कभी.कभी यह शरीर के कुछ हिस्सों में रक्त के प्रवाह को बाधित भी कर सकता है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया तब होता है जब किसी व्यक्ति में प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। प्लेटलेट्स रक्त के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में मदद करते हैं। छाती में दर्द या सिरदर्द बना रहना।
मतली.उल्टी की समस्या। थक्के बनने कारण हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है जिससे संबंधित आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। थक्के के कारण मस्तिष्क में भी रक्त का प्रवाह कम हो सकता है जिससे ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा हो सकता है।
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