Rewa Today Desk गर्मी की दस्तक के साथ ही पानी की किल्लत बढ़ने लगी है। हालात इतने खराब हैं कि रीवा शहर के अनुसूचित जाति महाविद्यालय छात्रावास के छात्र पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। दो महीने पहले यहां पानी की नई टंकी तो बनाई गई, लेकिन उसमें पानी का कनेक्शन अब तक नहीं किया गया। घटिया टोटियां लगाई गईं, कुछ में तो टोटी तक नहीं लगी। पानी के संकट से त्रस्त छात्र अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने एसडीएम कार्यालय पहुंच गए हैं।
छात्रावास में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
छात्रों के अनुसार, पहले पानी की टंकी जमीन के नीचे थी, जिससे पानी निकालना बेहद कठिन था। टंकी में गंदगी भर जाने से छात्रों को दूषित पानी से नहाना और अन्य काम करने को मजबूर होना पड़ता था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद नई टंकी का निर्माण तो हुआ, लेकिन वह भी अधूरी रह गई। टंकी में पानी का कनेक्शन ही नहीं किया गया और छत का निर्माण भी अधूरा छोड़ दिया गया।
भोजन और बिजली की समस्या भी गंभीर
छात्रों ने बताया कि छात्रावास में भोजन भी समय पर नहीं बनता, जिससे उन्हें बिना खाए ही कॉलेज जाना पड़ता है। जब छात्रों ने अधीक्षक से शिकायत की तो उन्हें उल्टा जवाब मिला कि “कॉलेज का समय बदलवा लो, खाना इसी समय बनेगा।




“इसके अलावा गर्मी के मौसम में पंखे खराब होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षाओं का समय है और मच्छरों की भरमार के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
छात्रों ने प्रशासन से मांगी मदद
अपनी समस्याओं से तंग आकर छात्र कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को अपनी स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद मीडिया टीम ने छात्रावास का दौरा कर जमीनी हकीकत देखी और छात्रों से बातचीत की।
प्रशासन कब करेगा समाधान?
छात्रों की यह समस्या प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस ओर ध्यान देंगे, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। अगर जल्द ही पानी, भोजन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का समाधान नहीं हुआ तो छात्रों के लिए रहना और पढ़ाई करना मुश्किल हो जाएगा।
(रीवा से विशेष रिपोर्ट)
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