केंद्र की योजनाएं लागू करने की अपील
Rewa Today Desk भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखते हुए केंद्र सरकार की किसान कल्याण योजनाओं को दिल्ली में लागू करने की अपील की है। चौहान ने अपनी चिट्ठी में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई किसान हितैषी योजनाओं से दिल्ली के किसानों को भी लाभ मिलना चाहिए।
“गाली देने से फर्क नहीं, किसानों को योजनाओं का लाभ दें”
शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री आतिशी को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे गाली देने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन केंद्र सरकार की योजनाओं को दिल्ली के किसानों के लिए लागू कर उन्हें लाभान्वित करना जरूरी है। मेरी प्रिय बहन आतिशी, केंद्र से पैसे ले जाओ, पुण्य कमाओ।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। ऐसे में दिल्ली के किसानों को इन योजनाओं से वंचित रखना अनुचित है।
किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं की अहमियत
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं देशभर के किसानों के लिए बनाई गई हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को आर्थिक सहायता, फसल बीमा, और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाती है। उन्होंने आतिशी से अनुरोध किया कि वे इन योजनाओं को दिल्ली में लागू कर किसानों के हित में काम करें।
राजनीतिक गर्माहट का नया दौर
शिवराज सिंह चौहान का यह बयान और चिट्ठी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। दिल्ली की सरकार और केंद्र सरकार के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर विवाद चलता रहा है। ऐसे में चौहान द्वारा उठाए गए इस कदम को किसानों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास माना जा रहा है।
“केंद्र की योजनाएं पूरे देश के किसानों के लिए”
मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की योजनाओं का उद्देश्य हर राज्य के किसानों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के किसानों को भी इन योजनाओं का पूरा लाभ मिलना चाहिए।
आतिशी की प्रतिक्रिया का इंतजार
मुख्यमंत्री आतिशी की ओर से इस चिट्ठी पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दिल्ली सरकार केंद्र की योजनाओं को लागू करने पर क्या रुख अपनाती है।
शिवराज सिंह चौहान की इस चिट्ठी ने केंद्र और राज्यों के बीच किसान कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर नई बहस छेड़ दी है। आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन सकता है।
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