Rewa Today Desk । जिले में नए कोर्ट की शुरुआत के साथ ही बड़ा फैसला सामने आया है। रीवा जिला न्यायालय की सत्रवीं अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनुज सिंह की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को 20-20 साल के कठोर कारावास और ₹6000-₹6000 के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर दोनों को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। 28 दिसंबर 2024 को पीड़िता मजदूरी के लिए घर से निकली थी, तभी आरोपियों धर्मराज बंसल (नई बस्ती, रीवा) और अभिषेक हरिजन (गडरिया निवासी) ने उसे काम दिलाने के बहाने अपने साथ ले लिया। दोनों ने कहा कि घर में परिवार के लोग हैं और घर का काम करवाना है। इस भरोसे पर महिला उनके साथ चल दी।
आरोपी महिला को पाणन टोला मोहल्ले की ओर ले गए, जहां एक सुनसान स्थान पर झाड़ियों के पीछे ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद पीड़िता ने घर पहुंचकर अपने पति को पूरी जानकारी दी, जिसके बाद दोनों थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया गया।
पुलिस ने जांच के दौरान कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एक कैमरे में आरोपियों की पहचान हो गई। महज़ 50 दिन के भीतर मामला अदालत में पेश कर दिया गया।
सरकारी वकील विकास द्विवेदी ने मामले की पैरवी करते हुए 14 गवाहों के बयान अदालत में प्रस्तुत किए। सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
रीवा के नए कोर्ट से आया यह पहला बड़ा फैसला है, जो न सिर्फ न्यायिक तत्परता का उदाहरण है बल्कि महिलाओं के प्रति अपराधों के खिलाफ सख्त संदेश भी देता है।
(सरकारी वकील विकास द्विवेदी ने बताया कि यह मामला महिला के साहस और पुलिस की तत्परता से मात्र 10 माह में निर्णय तक पहुंचा।)
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