Rewa News: उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में संभाग की प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बाधाओं के कारण बहुती माइक्रो सिंचाई से सिंचाई शुरू नहीं हो पा रही है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं निर्माण एजेंसी बहुती नहर निर्माण के शेष भाग में तत्काल निर्माण कार्य शुरू करें। कमिश्नर एवं पुलिस महानिरीक्षक निर्माण कार्य के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
लगभग 10 स्थानों पर अधिग्रहित भूमि पर निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न होने के कारण 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। सभी निर्माण कार्य 30 दिन में पूर्ण कर बहुती माइक्रो सिंचाई के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएं। हनुमना लिफ्ट सिंचाई परियोजना से सीधी, मऊगंज एवं रीवा जिले के बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित होंगे। इसके लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
इसका मुख्य बांध सीधी जिले में सोन नदी पर बनाया जाएगा। इस लिफ्ट से पानी मऊगंज एवं हनुमना तक पहुंचाया जाएगा। परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति एवं अन्य सभी अनुशंसाओं के लिए तत्काल आवेदन करें। मुख्य वन संरक्षक विभागीय मापदंडों के अनुसार परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु स्वीकृतियां जारी करें। उपमुख्यमंत्री ने नईगढ़ी सूक्ष्म दाब सिंचाई परियोजना की नहरों का निर्माण भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र के सभी जिलों में विकास को गति देने के लिए ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन एवं सिंचाई परियोजनाओं का कार्य समय पर पूरा किया जाना आवश्यक है। रेल परियोजना के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराते हुए निर्माण कार्य शीघ्रता से पूरा करें। ताकि 2025 में रीवा सीधी जिले से रेल लाइन से जुड़ जाए।
बैठक में प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग ने सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी।बैठक में बताया गया कि बहुती सिंचाई परियोजना में 21 किलोमीटर नहर और छुहिया घाटी में 3.1 किलोमीटर सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है। मैहर, सीधी और रीवा जिले में कुल 11 स्थानों पर नहर निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि पर निर्माण कार्य में कठिनाइयाँ हैं।
इन कठिनाइयों को दूर कर 30 दिन में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में जिला गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने कहा कि यदि जल संसाधन विभाग 15 अक्टूबर तक नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ देता है तो गेहूं और चना की फसल समय पर बोई जा सकेगी। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी और किसान को गर्मी में तीसरी फसल के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।
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