Rewa Today Desk :कहते हैं किसी काम को यदि ईमानदारी से मन और दिल से किया जाए तो भाग्य भी साथ देता है। ऐसा ही कुछ हुआ एक महिला के साथ जिसे रीवा प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद उसके परिजन मिल गए। मातृभाषा के आधार पर महिला के कर्नाटक क्षेत्र की होने का संदेह हुआ जिसके बाद एडीएम रीवा शेलेंद्र सिंह द्वारा कर्नाटक प्रशासन से लगातार संपर्क करते हुए आज उस महिला के परिजनों को खोज निकाला गया है और आज वह अपने परिजनों से मिलने के लिए रवाना हो रही है।
एडीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया कि कर्नाटक के बागलकोट की रहने वाली 50 वर्षीय तय्यब्बा आरपेंची नामक महिला मऊगंज की सड़कों पर भटक रही थी जिसे मऊगंज कलेक्टर द्वारा रीवा प्रशासन को सोपा गया। जिला प्रशासन ने महिला को सुरक्षित वन स्टाफ सेंटर में रखा और इस दौरान उसके परिजनों की तलाश शुरू की गई लेकिन अपने परिजनों के संबंध में महिला कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं थी। एडीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया कि महिला की भाषा कर्नाटक क्षेत्र की थी इसके बाद कर्नाटक प्रशासन से संपर्क करते हुए 2 महीने बाद उसके परिजनों का पता चल गया और इस बात की पुष्टि भी हो गई की तय्यब्वा आरपेंची नामक महिला कर्नाटक के बागलकोट की रहने वाली है। प्रशासनिक आधार पर संपर्क के बाद आज प्रशासनिक अधिकारी भी कर्नाटक से रीवा पहुंचे इसके बाद रीवा जिला प्रशासन ने महिला को उनके सुपुर्द कर दिया है।
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