भाजपा की मुस्लिम लीग राहुल की मुस्लिम लीग मैं क्या है अंतर
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर चर्चाओं में है राहुल गांधी इन दिनों विदेश के दौरे पर गए हुए हैं सामान्य यात्रियों की तरह 2 घंटे एयरपोर्ट में बिताने के बाद राहुल बाहर निकले उसके बाद राहुल अमेरिका में कई कार्यक्रम में शामिल हुए राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं किसी न किसी मुद्दे पर भारत में उनकी चर्चा प्रारंभ हो जाती है जैसा इस बार मुस्लिम लीग को लेकर है आज हम बात करेंगे इसी मुस्लिम लीग मुस्लिम लीग कब बनी क्या है इसका इतिहास केरल में इन दिनों काम कर रही मुस्लिम लीग से क्या है इसका अंतर हम आपको बता दें ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना आज के बांग्लादेश में 30 दिसंबर 1886 को हुई थी आगा खान मुस्लिम लीग के पहले अध्यक्ष थे मोहम्मद अली जिन्ना 1913 में मुस्लिम लीग से जुड़ गए थे हालाकी कांग्रेसमें वह रहे आए 1920 में जिन्ना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया पूरी तरीके से मुस्लिम लीग से जुड़ गए 1930 में मुस्लिम लीग के अधिवेशन में मोहम्मद इकबाल जो उस समय मुस्लिम लीग के अध्यक्ष हुआ करते थे उन्होंने मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग रख दी 1940 में मोहम्मद अली जिन्ना ने हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग रखी यहीं से आप को समझना होगा राहुल की मुस्लिम लीग भाजपा की मुस्लिम लीग में क्या अंतर है लाहौर में मुस्लिम लीग की बैठक में मोहम्मद अली जिन्ना के प्रस्ताव का कुछ लोगों ने विरोध किया यह वह मुसलमान थे जो बंटवारा नहीं चाहते थे जिन्होंने अलग पार्टी बना ली ऑल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग नाम दिया गया मोहम्मद अली जिन्ना बड़ा नाम थे ज्यादा बड़े मुसलमान उनके साथ थे जिसके चलते अंग्रेजों ने फूट डालो शासन करो की नीति को अंतिम बार अपनाते हुए देश के दो टुकड़े कर दिए देश के बंटवारे के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग को भंग कर दिया गया लेकिन केरल में एक बार फिर से मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद इस्माइल जो पाकिस्तान नहीं गए उन्होंने एआईएमएल ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना करने की सोची और 1948 में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग नाम की पार्टी बना दी इस पार्टी को मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग से हर मामले में अलग से देखा जा सकता है जैसे नाम पर ही बात की जाए तो पहले नाम था मोहम्मद अली जिन्ना की पार्टी का ऑल इंडिया मुस्लिम लीग जिसे मोहम्मद इस्माइल ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग नाम दिया गया इस पार्टी ने मोहम्मद अली जिन्ना का विरोध किया था इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग भारत के संविधान को मानती है उसी आधार पर चुनाव भी लड़ती है विधानसभा और लोकसभा में उसके सांसद भी हैं अब बात कर लेते हैं ऑल इंडिया मुस्लिम लीग और भारतीय जनता पार्टी के संबंधों की भारतीय जनता पार्टी भी किसी जमाने में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन कर चुकी है आज से ठीक 11 साल पहले नागपुर म्युनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपना मेयर बनाने के लिए इंडियन मुस्लिम लीग के दो लोगों का समर्थन लेना पड़ा था कांग्रेश भी ऑल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ केरल में समझौता करके चल रही है इसी विवाद के चलते भाजपा ने राहुल को इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली वहीं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी साफ तौर से कहते हैं हमारा जिस पार्टी से केरल में समझौता है वह मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग नहीं है
BJP’s Muslim League Rahul’s Muslim League What is the difference
Former Congress National President Rahul Gandhi is once again in discussions Rahul Gandhi has gone on a foreign tour these days Rahul came out after spending 2 hours at the airport like a normal passenger After that, Rahul participated in many programs in America. Whenever Rahul Gandhi goes abroad, his discussion starts in India on some or the other issue, like this time about Muslim League, today we will talk about this Muslim League, when did the Muslim League become? What is its history with the Muslim League working in Kerala these days? Joined the Muslim League, although he remained in the Congress, Jinnah resigned from the Congress in 1920, fully joined the Muslim League, in the session of the Muslim League in 1930, Mohammad Iqbal, who was the President of the Muslim League at that time, In 1940 Mohammad Ali Jinnah demanded a separate country for Hindus and Muslims. From here you have to understand the difference between Rahul’s Muslim League and BJP’s Muslim League. Mohammad Ali at the meeting of the Muslim League in Lahore. Jinnah’s proposal was opposed by some people it was those Muslims who did not want partition who formed a separate party named All Indian Union Muslim League Mohd Ali Jinnah was a big name more big Muslims were with him due to which British gave divide rule Adopting the tax policy for the last time, the country was divided into two parts. After the partition of the country, the All India Muslim League was dissolved, but once again in Kerala, the leader of the Muslim League, Mohammad Ismail, who did not go to Pakistan, organized the AIML All India Muslim League. Thought of establishing the league and formed a party named Indian Union Muslim League in 1948. This party can be seen separately from Mohammad Ali Jinnah’s Muslim League in every respect, as in the name itself, the first name was Mohammad Ali. All India Muslim League of Jinnah’s party, which was named Indian Union Muslim League by Mohammad Ismail. This party opposed Mohammad Ali Jinnah. Indian Union Muslim League accepts the Constitution of India and contests elections on the same basis in the assembly and Lok Sabha. Its MPs are also there, now let’s talk about the relationship between All India Muslim League and Bharatiya Janata Party. Bharatiya Janata Party has also formed an alliance with All India Muslim League at some point of time. The Janata Party had to seek the support of two people from the Indian Muslim League to make it its mayor. The Congress is also running in Kerala with an agreement with the All Indian Union Muslim League. Due to this dispute, the BJP advised Rahul to read history. Congress party and Rahul Gandhi clearly say that the party with which we have an agreement in Kerala is not Mohammed Ali Jinnah’s Muslim League.
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