Satna News: सतना जंक्शन (STA) मध्य प्रदेश के सतना में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो प्रतीक्षालय, जलपान स्टॉल और स्वच्छ वातावरण सहित अपनी अच्छी तरह से बनाए रखी गई सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यह उत्तर और मध्य भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला एक व्यस्त केंद्र है, जहाँ से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे गंतव्यों के लिए लगातार ट्रेनें चलती हैं। आगंतुकों को अक्सर स्टेशन का दोस्ताना माहौल और मैहर के प्राचीन मंदिरों और सुंदर विंध्याचल पहाड़ियों जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों से इसकी निकटता आकर्षक लगती है।
यह स्टेशन हावड़ा-इलाहाबाद-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है। यह स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आता है। इसका स्टेशन कोड STA है। यह स्टेशन सतना शहर से करीब एक किलोमीटर दूर है। इतिहासकार विंसेंट आर्थर स्मिथ का मानना है कि यह स्टेशन प्राचीन कोसंबी साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था।
सतना में पर्यटन स्थल – satna News
मैहर मंदिर (शारदा देवी मंदिर): देवी शारदा को समर्पित, यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। विंध्याचल मंदिर: भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र मंदिर, जो विंध्याचल पहाड़ियों पर स्थित है।
रामगढ़ किला: सुंदर दृश्यों वाला एक ऐतिहासिक किला और भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर। गोपाल मंदिर: भगवान कृष्ण को समर्पित एक सुंदर मंदिर, जो अपनी जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है। छतरपुर मंदिर: विभिन्न देवताओं को समर्पित एक आधुनिक मंदिर, जो शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। और यह रेलवे स्टेशन भारत के 9 सबसे व्यस्त स्टेशन में से एक है।
सतना रेलवे स्टेशन से 296 ट्रेन गुजरती है।
इंडियन रेल इन्फो के अनुसार सतना रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश का प्रमुख जंक्शन है। 4 Garib Rath Trains 139 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें, 6 एसी सुपरफास्ट ट्रेनें,3 मेमू ट्रेनें, 2 Duronto Trains , 107 सुपरफास्ट ट्रेनें, 8 Humsafar Trains, 8 Antyodaya Trains, 2 Vande Bharat Trains, 6 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें, 7 सुपरफास्ट ट्रेनें ,1 Vande Bharat Trains मिलाकर प्रतिदिन 300 ट्रेन गुजरती है और रोजाना 30 से 35 हजार लोग सफर करते है।
सतना रेलवे स्टेशन के बारे में
इस रेलवे स्टेशन को ग्रेड A दिया गया है। हर हफ्ते 166 ट्रेन यूनिक कैटेगरी की होती है। कॉविड टाइम में 14 ट्रेन निरंतर चल रही थी। इस रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म की संख्या 3 से अधिक है। 2011 में हुई गणना के मुताबिक एक लाख से 5 लाख लोग प्रति महीने सफर करते थे।
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