दोनों सरकारों ने किसानो से दुश्मनी पाल रखी है ; खेती बर्बाद कर रहे हैं ; किसान इन्हें दण्डित करेंगे संयुक्त किसान मोर्चा का प्रादेशिक सम्मेलन रीवा में हुआ संपन्न 2 से 4 अक्टूबर राजभवन पर धरने के संकल्प सहित अनेक प्रस्ताव पारित देश के एतिहासिक किसान आन्दोलन से उभर कर सामने आये संयुक्त किसान मोर्चे का मध्यप्रदेश प्रादेशिक अधिवेशन शुक्रवार को रीवा की करहिया मंडी में संपन्न हुआ
Rewa Today Desk : इसमें किसान आन्दोलन के राष्ट्रीय नेताओं, अनेक संगठनों के राज्य स्तरीय नेताओं के साथ विन्ध्य अंचल के किसानों ने भारी संख्या में भाग लिया .बढ़ती लागत घटती आमदनी यह है किसानों का हाल संयुक्त किसान मोर्चे के राज्य सम्मेलन ने कहा कि सरकार चाहें मोदी की हो या शिवराज सिंह चौहान की दोनों ने किसानो से जैसे दुश्मनी पाल रखी है . बढ़ती लागत घटती आमदनी से किसानो को राहत देने की बजाय दोनों ही सरकारों ने जैसे खेती और किसानी को बर्बाद करने की ठान ली है . उपज के दाम नहीं मिल रहे – बिजली और डीजल की कीमतें आकाश छू रही हैं .

वहीँ घोषित एमएसपी भी नहीं मिल पा रही है .सरकार कॉरपोरेट कंपनियों की गुलाम हो गई सरकारें अडानी अम्बानी जैसी कारपोरेट कंपनियों की गुलाम हो चुकी है रीवा संभाग और विन्ध्य की धरा तो जमीन के कम्पनीकरण का शिकार बन गयी है . बड़े पैमाने पर किसान खदेड़े जा रहे हैं . न मुआवजा मिल रहा है न रोजगार ही दिया जा रहा है .
2 अक्टूबर से भोपाल में होगा तीन दिवसीय धरना 2, 3, 4 अक्टूबर को राजभवन भोपाल पर तीन दिवसीय धरने का एलान भी किया गया .सम्मेलन ने किसानों को कर्ज के फंदे में पहुंचाकर आत्महत्या के लिए विवश करने वाली भाजपा को दण्डित करने और नवम्बर 23 विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में निर्णायक रूप से पराजित करने का भी संकल्प लिया . धर्म, जाति, सम्प्रदाय के नाम पर ठगी करके सत्ता में पहुँच जाने वालों के मंसूबे नाकाम किये जा सकें .
सम्मेलन ने विगत 1 वर्षों से कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष धरना दिए बैठे सूअर पालकों की मांगों के समर्थन में भी प्रस्ताव पारित मुआवजे की मांग की गई गैंहू के बोनस का बकाया, सोयाबीन तथा प्याज के भावान्तर के तत्काल भुगतान कर्ज की माफ़ी के प्रस्ताव भी पारित हुए . आवारा पशुओ से खेती का निदान सहित ललितपुर – सिंगरौली रेल लाइन, हवाई पट्टी चोरहटा, सोलर प्लांट गुढ़ के विस्थापितों को नौकरी तथा 2013 के क़ानून के हिसाब से मुआवजा देने की मांग भी की .

बाणसागर नहरों की क्षमता बढाने तथा नहरों की राजस्व त्रुटियों को सुधारने की मांग भी की गयी . सम्मेलन ने जे पी सीमेंट में कार्यरत श्रमिकों के वेतन भुगतान तथा इस संस्थान द्वारा जबरिया कब्जाई गयी किसानो की जमीन मुक्त करने की भी मांग की . सम्मेलन ने रीवा के गाँव रहंट के दलितों के श्मशान पर अवैध कब्जा हटाने की और दलितों का अधिकार वापस दिलाने की मांग भी की .सम्मेलन ने नर्मदा की डूब में आ गए गाँवों और बर्बाद खेती का मुआवजा देने की भी मांग की.सम्मेलन के आयोजक संयुक्त एडवोकेट शिव सिंह ने बताया कि करीब 4 घंटे तक चले इस सम्मेलन की शुरुआत में मोर्चे के राज्य संयोजन समिति की तरफ से इस सम्मेलन और इसके एजेंडे की जानकारी बादल सरोज ने दी .
मेघा पाटेकर सहित यह रहे मौजूद राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से सम्मेलन को नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव केरल के पूर्व विधायक पी कृष्णप्रसाद, ए आई के के एम एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान, किसान मजदूर्र संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, जय किसान संगठन के नेता, दिल्ली के विधायक पकज पुष्कर ने संबोधित किया. संचालन किसान नेता रामजीत सिंह ने किया सीटू के प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान बताया कि 24 अगस्त को दिल्ली में किसान मजदूरों ने संयुक्त सम्मेलन कर अब लड़ाई को साझी लड़ाई बना लिया है .
उन्होंने कहा 2, 3, 4 अक्टूबर के राजभवन में किसानो के साथ प्रदेश के मजदूर भी शामिल होंगे .सम्मेलन को विभिन्न किसान संगठनों ने संबोधित किया इनमे प्रहलाद बैरागी, जगदीश पटेल, मनीष श्रीवास्तव, इरफ़ान जाफरी, गोविन्द सिंह लोधी, अभिषेक पटेल, शत्रुघन यादव, संदीप ठाकुर, अरविंद उइके, श्रीमती उर्मिला वर्मा ने संबोधित किया .सम्मेलन में रीवा के किसान आन्दोलन की तरफ से बोलन वालों में एडवोकेट शिवसिंह , गिरिजेश सिंह सेंगर, शिवराम सिंह, विश्वनाथ चोटीवाला, सुग्रीव सिंह, रामचरण पटेल, इन्द्रजीत सिंह शंखू अभिषेक पटेल, प्रदीप बंसल,निसार आलम सीधी, वरिष्ठ नेता वृहस्पति सिंह, दिलीप शाह सिंगरौली, अशोक चतुर्वेदी चोरहटा शामिल थे .सम्मेलन के अध्यक्ष मंडल में एडवोकेट शिव सिंह, गयाप्रसाद, भैयालाल त्रिपाठी, संदीप ठाकुर, शिवाकांत कुशवाहा, अभिनव श्रीवास, बाबू सिंह राजपूत, उमेश पटेल, अजय पाल सिंह, इन्द्रजीत सिंह शंखू, दिलीप सिंह, शोभनाथ कुशवाहा, प्रदीप बंसल सुग्रीव सिंह शामिल थे .सम्मेलन का आयोजन 2007 में शहीद हुये युवा राघवेंद्र सिंह पटेल के 16 वे शहादत दिवस पर किया गया था ।
सुबह सभी नेताओं ने छिजबार जाकर उनके शहादत स्थल पर श्रद्धांजलि दी और अनेक युवाओं ने वहीं से बाइक रैली निकाली और सम्मेलन स्थल पर आए । अधिवेशन में प्रमुख रूप से लालमणि त्रिपाठी भैयालाल त्रिपाठी के के शुक्ला दयाशंकर द्विवेदी सतना जयभान सिंह तेजभान सिंह संतकुमार पटेल मिथिला सिंह सुरेश पटेल रमेश सिंह घनश्याम सिंह सीताराम सिंह अनिल सिंह वीरभद्र सिंह चंद्रभान सिंह अशोक चतुर्वेदी अभयराज सिंह फौजी यदुवंश प्रताप सिंह संजय निगम सर्वेश सचिन सिंह अनूप सिंह धोनी अरुण पटेल गोलू राजाराम बंसल आशुतोष सिंह आदि शामिल रहे
दोनों सरकारों ने किसानो से दुश्मनी पाल रखी है ; खेती बर्बाद कर रहे हैं ; किसान इन्हें दण्डित करेंगे संयुक्त किसान मोर्चा का प्रादेशिक सम्मेलन रीवा में हुआ संपन्न 2 से 4 अक्टूबर राजभवन पर धरने के संकल्प सहित अनेक प्रस्ताव पारित देश के एतिहासिक किसान आन्दोलन से उभर कर सामने आये संयुक्त किसान मोर्चे का मध्यप्रदेश प्रादेशिक अधिवेशन शुक्रवार को रीवा की करहिया मंडी में संपन्न हुआ . इसमें किसान आन्दोलन के राष्ट्रीय नेताओं, अनेक संगठनों के राज्य स्तरीय नेताओं के साथ विन्ध्य अंचल के किसानों ने भारी संख्या में भाग लिया .बढ़ती लागत घटती आमदनी यह है किसानों का हाल संयुक्त किसान मोर्चे के राज्य सम्मेलन ने कहा कि सरकार चाहें मोदी की हो या शिवराज सिंह चौहान की दोनों ने किसानो से जैसे दुश्मनी पाल रखी है .
बढ़ती लागत घटती आमदनी से किसानो को राहत देने की बजाय दोनों ही सरकारों ने जैसे खेती और किसानी को बर्बाद करने की ठान ली है . उपज के दाम नहीं मिल रहे – बिजली और डीजल की कीमतें आकाश छू रही हैं . वहीँ घोषित एमएसपी भी नहीं मिल पा रही है .सरकार कॉरपोरेट कंपनियों की गुलाम हो गईसरकारें अडानी अम्बानी जैसी कारपोरेट कंपनियों की गुलाम हो चुकी है रीवा संभाग और विन्ध्य की धरा तो जमीन के कम्पनीकरण का शिकार बन गयी है . बड़े पैमाने पर किसान खदेड़े जा रहे हैं . न मुआवजा मिल रहा है न रोजगार ही दिया जा रहा है .2 अक्टूबर से भोपाल में होगा तीन दिवसीय धरना 2, 3, 4 अक्टूबर को राजभवन भोपाल पर तीन दिवसीय धरने का एलान भी किया गया .सम्मेलन ने किसानों को कर्ज के फंदे में पहुंचाकर आत्महत्या के लिए विवश करने वाली भाजपा को दण्डित करने और नवम्बर 23 विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में निर्णायक रूप से पराजित करने का भी संकल्प लिया .
धर्म, जाति, सम्प्रदाय के नाम पर ठगी करके सत्ता में पहुँच जाने वालों के मंसूबे नाकाम किये जा सकें .सम्मेलन ने विगत 1 वर्षों से कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष धरना दिए बैठे सूअर पालकों की मांगों के समर्थन में भी प्रस्ताव पारित मुआवजे की मांग की गई गैंहू के बोनस का बकाया, सोयाबीन तथा प्याज के भावान्तर के तत्काल भुगतान कर्ज की माफ़ी के प्रस्ताव भी पारित हुए . आवारा पशुओ से खेती का निदान सहित ललितपुर – सिंगरौली रेल लाइन, हवाई पट्टी चोरहटा, सोलर प्लांट गुढ़ के विस्थापितों को नौकरी तथा 2013 के क़ानून के हिसाब से मुआवजा देने की मांग भी की . बाणसागर नहरों की क्षमता बढाने तथा नहरों की राजस्व त्रुटियों को सुधारने की मांग भी की गयी . सम्मेलन ने जे पी सीमेंट में कार्यरत श्रमिकों के वेतन भुगतान तथा इस संस्थान द्वारा जबरिया कब्जाई गयी किसानो की जमीन मुक्त करने की भी मांग की . सम्मेलन ने रीवा के गाँव रहंट के दलितों के श्मशान पर अवैध कब्जा हटाने की और दलितों का अधिकार वापस दिलाने की मांग भी की .
सम्मेलन ने नर्मदा की डूब में आ गए गाँवों और बर्बाद खेती का मुआवजा देने की भी मांग की.सम्मेलन के आयोजक संयुक्त एडवोकेट शिव सिंह ने बताया कि करीब 4 घंटे तक चले इस सम्मेलन की शुरुआत में मोर्चे के राज्य संयोजन समिति की तरफ से इस सम्मेलन और इसके एजेंडे की जानकारी बादल सरोज ने दी . मेघा पाटेकर सहित यह रहे मौजूद राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से सम्मेलन को नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव केरल के पूर्व विधायक पी कृष्णप्रसाद, ए आई के के एम एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान, किसान मजदूर्र संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, जय किसान संगठन के नेता, दिल्ली के विधायक पकज पुष्कर ने संबोधित किया. संचालन किसान नेता रामजीत सिंह ने किया सीटू के प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान बताया कि 24 अगस्त को दिल्ली में किसान मजदूरों ने संयुक्त सम्मेलन कर अब लड़ाई को साझी लड़ाई बना लिया है .
उन्होंने कहा 2, 3, 4 अक्टूबर के राजभवन में किसानो के साथ प्रदेश के मजदूर भी शामिल होंगे .सम्मेलन को विभिन्न किसान संगठनों ने संबोधित किया इनमे प्रहलाद बैरागी, जगदीश पटेल, मनीष श्रीवास्तव, इरफ़ान जाफरी, गोविन्द सिंह लोधी, अभिषेक पटेल, शत्रुघन यादव, संदीप ठाकुर, अरविंद उइके, श्रीमती उर्मिला वर्मा ने संबोधित किया .सम्मेलन में रीवा के किसान आन्दोलन की तरफ से बोलन वालों में एडवोकेट शिवसिंह , गिरिजेश सिंह सेंगर, शिवराम सिंह, विश्वनाथ चोटीवाला, सुग्रीव सिंह, रामचरण पटेल, इन्द्रजीत सिंह शंखू अभिषेक पटेल, प्रदीप बंसल,निसार आलम सीधी, वरिष्ठ नेता वृहस्पति सिंह, दिलीप शाह सिंगरौली, अशोक चतुर्वेदी चोरहटा शामिल थे .सम्मेलन के अध्यक्ष मंडल में एडवोकेट शिव सिंह, गयाप्रसाद, भैयालाल त्रिपाठी, संदीप ठाकुर, शिवाकांत कुशवाहा, अभिनव श्रीवास, बाबू सिंह राजपूत, उमेश पटेल, अजय पाल सिंह, इन्द्रजीत सिंह शंखू, दिलीप सिंह, शोभनाथ कुशवाहा, प्रदीप बंसल सुग्रीव सिंह शामिल थे .सम्मेलन का आयोजन 2007 में शहीद हुये युवा राघवेंद्र सिंह पटेल के 16 वे शहादत दिवस पर किया गया था ।
सुबह सभी नेताओं ने छिजबार जाकर उनके शहादत स्थल पर श्रद्धांजलि दी और अनेक युवाओं ने वहीं से बाइक रैली निकाली और सम्मेलन स्थल पर आए । अधिवेशन में प्रमुख रूप से लालमणि त्रिपाठी भैयालाल त्रिपाठी के के शुक्ला दयाशंकर द्विवेदी सतना जयभान सिंह तेजभान सिंह संतकुमार पटेल मिथिला सिंह सुरेश पटेल रमेश सिंह घनश्याम सिंह सीताराम सिंह अनिल सिंह वीरभद्र सिंह चंद्रभान सिंह अशोक चतुर्वेदी अभयराज सिंह फौजी यदुवंश प्रताप सिंह संजय निगम सर्वेश सचिन सिंह अनूप सिंह धोनी अरुण पटेल गोलू राजाराम बंसल आशुतोष सिंह आदि शामिल रहे
दोनों सरकारों ने किसानो से दुश्मनी पाल रखी है ; खेती बर्बाद कर रहे हैं ; किसान इन्हें दण्डित करेंगे संयुक्त किसान मोर्चा का प्रादेशिक सम्मेलन रीवा में हुआ संपन्न 2 से 4 अक्टूबर राजभवन पर धरने के संकल्प सहित अनेक प्रस्ताव पारित देश के एतिहासिक किसान आन्दोलन से उभर कर सामने आये संयुक्त किसान मोर्चे का मध्यप्रदेश प्रादेशिक अधिवेशन शुक्रवार को रीवा की करहिया मंडी में संपन्न हुआ . इसमें किसान आन्दोलन के राष्ट्रीय नेताओं, अनेक संगठनों के राज्य स्तरीय नेताओं के साथ विन्ध्य अंचल के किसानों ने भारी संख्या में भाग लिया .बढ़ती लागत घटती आमदनी यह है किसानों का हाल संयुक्त किसान मोर्चे के राज्य सम्मेलन ने कहा कि सरकार चाहें मोदी की हो या शिवराज सिंह चौहान की दोनों ने किसानो से जैसे दुश्मनी पाल रखी है . बढ़ती लागत घटती आमदनी से किसानो को राहत देने की बजाय दोनों ही सरकारों ने जैसे खेती और किसानी को बर्बाद करने की ठान ली है . उपज के दाम नहीं मिल रहे – बिजली और डीजल की कीमतें आकाश छू रही हैं . वहीँ घोषित एमएसपी भी नहीं मिल पा रही है .
सरकार कॉरपोरेट कंपनियों की गुलाम हो गईसरकारें अडानी अम्बानी जैसी कारपोरेट कंपनियों की गुलाम हो चुकी है रीवा संभाग और विन्ध्य की धरा तो जमीन के कम्पनीकरण का शिकार बन गयी है . बड़े पैमाने पर किसान खदेड़े जा रहे हैं . न मुआवजा मिल रहा है न रोजगार ही दिया जा रहा है .2 अक्टूबर से भोपाल में होगा तीन दिवसीय धरना 2, 3, 4 अक्टूबर को राजभवन भोपाल पर तीन दिवसीय धरने का एलान भी किया गया .सम्मेलन ने किसानों को कर्ज के फंदे में पहुंचाकर आत्महत्या के लिए विवश करने वाली भाजपा को दण्डित करने और नवम्बर 23 विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में निर्णायक रूप से पराजित करने का भी संकल्प लिया . धर्म, जाति, सम्प्रदाय के नाम पर ठगी करके सत्ता में पहुँच जाने वालों के मंसूबे नाकाम किये जा सकें .सम्मेलन ने विगत 1 वर्षों से कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष धरना दिए बैठे सूअर पालकों की मांगों के समर्थन में भी प्रस्ताव पारित मुआवजे की मांग की गई गैंहू के बोनस का बकाया, सोयाबीन तथा प्याज के भावान्तर के तत्काल भुगतान कर्ज की माफ़ी के प्रस्ताव भी पारित हुए . आवारा पशुओ से खेती का निदान सहित ललितपुर – सिंगरौली रेल लाइन, हवाई पट्टी चोरहटा, सोलर प्लांट गुढ़ के विस्थापितों को नौकरी तथा 2013 के क़ानून के हिसाब से मुआवजा देने की मांग भी की . बाणसागर नहरों की क्षमता बढाने तथा नहरों की राजस्व त्रुटियों को सुधारने की मांग भी की गयी . सम्मेलन ने जे पी सीमेंट में कार्यरत श्रमिकों के वेतन भुगतान तथा इस संस्थान द्वारा जबरिया कब्जाई गयी किसानो की जमीन मुक्त करने की भी मांग की .
सम्मेलन ने रीवा के गाँव रहंट के दलितों के श्मशान पर अवैध कब्जा हटाने की और दलितों का अधिकार वापस दिलाने की मांग भी की .सम्मेलन ने नर्मदा की डूब में आ गए गाँवों और बर्बाद खेती का मुआवजा देने की भी मांग की.सम्मेलन के आयोजक संयुक्त एडवोकेट शिव सिंह ने बताया कि करीब 4 घंटे तक चले इस सम्मेलन की शुरुआत में मोर्चे के राज्य संयोजन समिति की तरफ से इस सम्मेलन और इसके एजेंडे की जानकारी बादल सरोज ने दी . मेघा पाटेकर सहित यह रहे मौजूद राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से सम्मेलन को नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव केरल के पूर्व विधायक पी कृष्णप्रसाद, ए आई के के एम एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान, किसान मजदूर्र संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, जय किसान संगठन के नेता, दिल्ली के विधायक पकज पुष्कर ने संबोधित किया. संचालन किसान नेता रामजीत सिंह ने किया सीटू के प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान बताया कि 24 अगस्त को दिल्ली में किसान मजदूरों ने संयुक्त सम्मेलन कर अब लड़ाई को साझी लड़ाई बना लिया है . उन्होंने कहा 2, 3, 4 अक्टूबर के राजभवन में किसानो के साथ प्रदेश के मजदूर भी शामिल होंगे .सम्मेलन को विभिन्न किसान संगठनों ने संबोधित किया इनमे प्रहलाद बैरागी, जगदीश पटेल, मनीष श्रीवास्तव, इरफ़ान जाफरी, गोविन्द सिंह लोधी, अभिषेक पटेल, शत्रुघन यादव, संदीप ठाकुर, अरविंद उइके, श्रीमती उर्मिला वर्मा ने संबोधित किया .सम्मेलन में रीवा के किसान आन्दोलन की तरफ से बोलन वालों में एडवोकेट शिवसिंह , गिरिजेश सिंह सेंगर, शिवराम सिंह, विश्वनाथ चोटीवाला, सुग्रीव सिंह, रामचरण पटेल, इन्द्रजीत सिंह शंखू अभिषेक पटेल, प्रदीप बंसल,निसार आलम सीधी, वरिष्ठ नेता वृहस्पति सिंह, दिलीप शाह सिंगरौली, अशोक चतुर्वेदी चोरहटा शामिल थे .
सम्मेलन के अध्यक्ष मंडल में एडवोकेट शिव सिंह, गयाप्रसाद, भैयालाल त्रिपाठी, संदीप ठाकुर, शिवाकांत कुशवाहा, अभिनव श्रीवास, बाबू सिंह राजपूत, उमेश पटेल, अजय पाल सिंह, इन्द्रजीत सिंह शंखू, दिलीप सिंह, शोभनाथ कुशवाहा, प्रदीप बंसल सुग्रीव सिंह शामिल थे .सम्मेलन का आयोजन 2007 में शहीद हुये युवा राघवेंद्र सिंह पटेल के 16 वे शहादत दिवस पर किया गया था । सुबह सभी नेताओं ने छिजबार जाकर उनके शहादत स्थल पर श्रद्धांजलि दी और अनेक युवाओं ने वहीं से बाइक रैली निकाली और सम्मेलन स्थल पर आए । अधिवेशन में प्रमुख रूप से लालमणि त्रिपाठी भैयालाल त्रिपाठी के के शुक्ला दयाशंकर द्विवेदी सतना जयभान सिंह तेजभान सिंह संतकुमार पटेल मिथिला सिंह सुरेश पटेल रमेश सिंह घनश्याम सिंह सीताराम सिंह अनिल सिंह वीरभद्र सिंह चंद्रभान सिंह अशोक चतुर्वेदी अभयराज सिंह फौजी यदुवंश प्रताप सिंह संजय निगम सर्वेश सचिन सिंह अनूप सिंह धोनी अरुण पटेल गोलू राजाराम बंसल आशुतोष सिंह आदि शामिल रहे
Both the governments have maintained enmity with the farmers
Are ruining agriculture; Farmers will punish them Regional conference of United Kisan Morcha concluded in Rewa from 2 to 4 October Many resolutions passed including the resolution of protest at Raj Bhavan Madhya Pradesh regional convention of United Kisan Morcha which emerged from the country’s historical farmer movement was held in Karhiya Mandi of Rewa on Friday Completed in. In this, national leaders of farmers movement, state level leaders of many organizations along with farmers of Vindhya region participated in large numbers. This is the condition of farmers, increasing costs and decreasing income. The state conference of United Kisan Morcha said that whether the government is of Modi or It seems as if both of Shivraj Singh Chauhan have maintained enmity with the farmers.
Instead of providing relief to the farmers from rising costs and falling income, both the governments have decided to destroy agriculture and farming. Prices for produce are not available – prices of electricity and diesel are touching the sky. At the same time, even the declared MSP is not being achieved. Governments have become slaves of corporate companies. Governments have become slaves of corporate companies like Adani Ambani. The land of Rewa division and Vindhya has become a victim of corporatization of land. Farmers are being driven away on a large scale. Neither compensation is being given nor employment is being given. There will be a three-day strike in Bhopal from 2nd October. A three-day strike was also announced at Raj Bhavan, Bhopal on 2nd, 3rd and 4th October. The conference helped the farmers in debt trap. It was also resolved to punish the BJP which forced the suicide and defeat it decisively in the November 23 Assembly and 2024 Lok Sabha elections.
The designs of those who have come to power by cheating in the name of religion, caste and sect can be foiled. The conference also passed a resolution in support of the demands of the pig farmers who have been protesting in front of Collectorate Rewa for the last one year, demanding compensation. Proposals for immediate payment of wheat bonus arrears, soybean and onion price waiver and loan waiver were also passed. There was also a demand for providing jobs to the displaced people of Lalitpur-Singrauli railway line, airstrip Chorhata, solar plant Gurh and compensation as per the law of 2013, along with solution to farming due to stray animals. There was also a demand to increase the capacity of Bansagar canals and to rectify the revenue errors of the canals. The conference also demanded payment of salaries of workers working in JP Cement and release of land of farmers forcibly taken over by this institute. The conference also demanded the removal of illegal encroachment on the crematorium of Dalits in village Rahant of Rewa and to restore the rights of Dalits. The conference also demanded compensation for the villages submerged in Narmada and ruined agriculture. The organizers of the conference were United Advocate Shiv Singh told that at the beginning of this conference which lasted for about 4 hours, Badal Saroj, on behalf of the State Coordination Committee of the Morcha, gave information about this conference and its agenda.
Present on behalf of the national leadership including Megha Patekar, leader of Narmada Bachao Andolan Medha Patkar, National Secretary of All India Kisan Sabha, former Kerala MLA P Krishnaprasad, National President of AIK KMS Satyavan, Kisan Mazdoor Sangharsh Samiti. Senior leader of former MLA Dr. Sunilam, leader of Jai Kisan Organization, Delhi MLA Pakaj Pushkar addressed. Farmer leader Ramjit Singh conducted the operation. State General Secretary of CITU Pramod Pradhan said that the farmer laborers held a joint conference in Delhi on 24th August and have now made the fight a common fight. He said that along with the farmers, laborers of the state will also participate in the Raj Bhavan on 2nd, 3rd and 4th October. Various farmer organizations addressed the conference, including Prahlad Bairagi, Jagdish Patel, Manish Srivastava, Irfan Jaffrey, Govind Singh Lodhi, Abhishek Patel, Shatrughan. Yadav, Sandeep Thakur, Arvind Uike, Mrs. Urmila Verma addressed.
Advocate Shiv Singh, Girijesh Singh Sengar, Shivram Singh, Vishwanath Chotiwala, Sugriv Singh, Ramcharan Patel, Inderjit Singh Shankhu Abhishek were among those who spoke on behalf of the farmers’ movement of Rewa in the conference. Patel, Pradeep Bansal, Nisar Alam Sidhi, senior leaders Brihaspati Singh, Dilip Shah Singrauli, Ashok Chaturvedi Chorhata were included. The chairmanship of the conference included Advocate Shiv Singh, Gaya Prasad, Bhaiyalal Tripathi, Sandeep Thakur, Shivakant Kushwaha, Abhinav Shriwas, Babu Singh Rajput. , Umesh Patel, Ajay Pal Singh, Inderjit Singh Shankhu, Dilip Singh, Shobhanath Kushwaha, Pradeep Bansal Sugriva Singh were included. The conference was organized on the 16th martyrdom day of young Raghavendra Singh Patel, who was martyred in 2007.
In the morning, all the leaders went to Chhijbar and paid homage to his martyrdom site and many youth took out a bike rally from there and came to the conference venue. Prominent in the convention were Lalmani Tripathi Bhaiyalal Tripathi K K Shukla Dayashankar Dwivedi Satna Jaibhan Singh Tejbhan Singh Santkumar Patel Mithila Singh Suresh Patel Ramesh Singh Ghanshyam Singh Sitaram Singh Anil Singh Virbhadra Singh Chandrabhan Singh Ashok Chaturvedi Abhayraj Singh Fauji Yaduvansh Pratap Singh Sanjay Nigam Sarvesh Sachin Singh Anup Singh Dhoni, Arun Patel, Golu Rajaram Bansal, Ashutosh Singh etc. were included.
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