ऑटो ड्राइवर के बेटे मोहम्मद सिराज ने 6 विकेट लेने के बाद मैन ऑफ द मैच के 5 लाख रुपए ग्राउंड्स स्टाफ को दे दिए. जिसके चलते सिराज ने अपने खेल और अपने संस्कारों से लाखों करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया
एशिया कप भारत ने जीत लिया. इस जीत के हीरो रहे भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज. जिन्होंने सात ओवर में 21 रन देकर 6 विकेट लिए. मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1992 को हैदराबाद के एक गरीब परिवार में हुआ. उनके पिता गौस मौहम्मद एक ऑटो रिक्शा चालक थे, उनकी मां शबाना बेगम हाउस वाइफ और गऱीबी के कारण दूसरे के घरों में काम करती थी, घर के आर्थिक हालात सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कैसे रहे होंगे .
पिता के जज्बे को सलाम किया जाए या बेटे की मेहनत को यह आपको तय करना है
घर के आर्थिक हालात इजाजत नहीं देते थे क्रिकेट खेलने की. लेकिन जज्बा था क्रिकेटर बनने का. पिता भी चाहते थे बेटा क्रिकेट खेले. बस फिर क्या था बाप बेटे की जम गई. आर्थिक तंगी के बावजूद सिराज पिता और अपने सपने को पूरा करने में जुट गए. पिता ने एक मोटरसाइकिल खरीद कर दी घर से स्टेडियम दूर था रोज ₹100 का पेट्रोल लगता था. लेकिन पिता ने और मां ने बेटे को खेलने से मन नहीं किया नतीजा आज आपके सामने है.
जिसे सिराज ने अपनी मेहनत से पूरा किया और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया
बचपन से ही क्रिकेटर बनने के गुण थे
किसी इंटरव्यू में सिराज ने बताया था उन्होंने सात साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया, उनके क्रिकेट का सफर अन्य बच्चों की तरह टेनिस बॉल से स्टार्ट हुआ. धीरे-धीरे अपने खेल से अपने सीनियर्स को प्रभावित किया. अपने सिलेक्टर्स को रिजल्ट दिया. स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ते गए.
अंडर-19 से टेस्ट क्रिकेट तक पहुंच गए
मोहम्मद सिराज हैदराबाद की अंडर-19 क्रिकेट टीम में सेलेक्ट होने के बाद लगातार आगे बढ़ते रहे अपनी गेंदबाजी से सिलेक्टर्स को प्रभावित किया जल्दी ही हैदराबाद की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बना डाली
एशिया कप में जीत लिया सबका दिल मोहम्मद सिराज ने एशिया कप के फाइनल में चमत्कारिक प्रदर्शन कर डाला. अपनी गेंदबाजी से उन्होंने श्रीलंका को धराशाई करके रख दिया. श्रीलंका की टीम केवल 50 रनों पर आल आउट हो गई. और भारत में यह मुकाबला 10 विकेट से जीत लिया. सिराज को इस प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया.
असली हीरो बन गए
सिराज ने अपने चमत्कारी गेंदबाजी से अपने फैन का दिल तो जीत ही. लेकिन मैन आफ दी मैच का पुरस्कार लेते समय उन्होंने जो कुछ कहा वह सुनकर हर आदमी दंग रह गया उन्होंने 5 लाख रुपए की रकम को ग्राउंड स्टाफ को देने की बात कहकर सबका दिल खुश कर दिया. सिराज ने कहा अगर इन लोगों ने दिन-रात मेहनत करके मैदान को खेलने लायक ना रखा होता. तो एशिया कप शायद ना होता. असली हीरो यही लोग हैं मैं यह पैसे इनको दे रहा हूं. एक गरीब परिवार का लड़का जिसने गरीबी देखी. आज इस मुकाम पर पहुंचा. उसने दूसरे की मेहनत को काफी नजदीक से देखा .वह जानता था इन्होंने कितनी मेहनत की. मोहम्मद सिराज ने ऐसा कारनामा कर दिया. पहले अपनी गेंदबाजी से बाद में अपने संस्कार से जिसे शायद ही कभी कोई भूल पाए.
Mohammad Siraj, son of an auto driver, after taking 6 wickets, gave the man of the match Rs 5 lakh to the grounds staff. Due to which Siraj won the hearts of millions of people with his game and his values.
India won the Asia Cup. The hero of this victory was India’s fast bowler Mohammad Siraj. Who took 6 wickets for 21 runs in seven overs. Mohammad Siraj was born on 13 March 1992 in a poor family of Hyderabad. His father Ghaus Mohammad was an auto rickshaw driver, his mother Shabana Begum was a housewife and due to poverty, worked in other’s houses, it can be easily guessed what the financial condition of the house would have been like.
It is up to you to decide whether to salute the father’s passion or the son’s hard work.
The financial conditions at home did not allow playing cricket. But he had the passion to become a cricketer. Father also wanted his son to play cricket. Then what happened, father and son got stuck. Despite financial constraints, Siraj started fulfilling his father and his dreams. Father bought a motorcycle and the stadium was far from home. Petrol cost ₹ 100 per day. But father and mother did not mind letting their son play, the result is in front of you today.
Which Siraj completed with his hard work and made his family proud.
Had qualities to become a cricketer since childhood
In an interview, Siraj had told that he started playing cricket at the age of seven, his cricket journey started with a tennis ball like other children. Gradually he impressed his seniors with his game. Gave results to our selectors. Moved forward step by step.
Reached test cricket from under-19
After being selected in Hyderabad’s Under-19 cricket team, Mohammad Siraj kept moving forward, impressed the selectors with his bowling and soon made a place in Hyderabad’s Ranji Trophy team.
Mohammed Siraj won everyone’s hearts in the Asia Cup and performed miraculously in the final of the Asia Cup. With his bowling he destroyed Sri Lanka. Sri Lankan team was all out for only 50 runs. And India won this match by 10 wickets. Siraj was given the Man of the Match award for this performance.
Became a Real Hero
Siraj definitely won the hearts of his fans with his miraculous bowling. But everyone was stunned to hear what he said while receiving the Man of the Match award. He made everyone’s heart happy by saying that he would give the amount of Rs 5 lakh to the ground staff. Siraj said that if these people had not worked hard day and night to keep the field fit for play. Then Asia Cup might not have happened. These people are the real heroes, I am giving this money to them. A boy from a poor family who saw poverty. Reached this milestone today. He saw the hard work of others very closely. He knew how hard they worked. Mohammad Siraj did such a feat. First with his bowling and later with his values which hardly anyone can forget.
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