सीखो-कमाओ योजना में कौशल विकास के साथ स्टाईपेंडभी मिलेगा
नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से युवाओं को मिलेगा कौशल सीखने का अवसर जो उनको बेहतर भविष्य बनाने के काम आएगा नियमित रोजगार प्राप्ति की योग्यता अर्जित करेंगे युवा एक साल तक मिलेगा प्रशिक्षणार्थियों को स्टाईपेंड मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं में कौशल विकास क्षमता को बढ़ा कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा। लर्न एण्ड अर्न की तर्ज पर रोजगार के लिये कौशल सिखाने “मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ” योजना का प्रभावी क्रियान्वयन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशा है कि प्रदेश का युवा रोजगार मांगने वाला नहीं, रोजगार देने वाला बने। इसके लिये राज्य शासन ने अनेक स्व-रोजगार संबंधी योजनाएँ भी क्रियान्वित की हैं। इसी श्रंखला में यह योजना लागू की गई है, जो उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण आधारित है। “मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाईपेंड की व्यवस्था भी की गई है। युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है। इस नवाचारी व्यवस्था से युवाओं को रोज़गार, प्रगति और विकास के नित नए अवसर मिलेंगे।
प्रदेश के एक लाख युवाओं को योजना के 46 सेक्टर में 800 से अधिक पाठ्यक्रमों में दक्ष करने का प्रारंभिक लक्ष्य रखा गया है। योजना में मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा को 8 हजार रूपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा। राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा।योजना में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिये चिन्हित कार्य-क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी करेंगे
Along with skill development, stipend will also be available in the learn-earn scheme
Latest technology and process will provide youth an opportunity to learn skills which will help them to make a better future Youth will earn regular employment Trainees will get stipend for one year Chief Minister Shivraj Singh Chouhan has said that by increasing the skill development capacity of the youth of the state, they will be linked with employment. Effective implementation of “Chief Minister’s Learn-Kamao” scheme has been started to teach skills for employment on the lines of learn and earn. He said that it is the intention of the state government that the youth of the state should not become employment seekers, but become employment providers. For this, the state government has also implemented several schemes related to self-employment. In this series, this scheme has been implemented, which is based on industry oriented training. In “Mukhya Mantri Seekho-Kamao Yojana”, stipend has also been arranged for providing skill training to the youth in the service sector along with industries. Youth will be given vocational skill training with the latest technology and process. Has been added.With this innovative system, the youth will get daily new opportunities for employment, progress and development.
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