Bhopal News: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश की मोहन सरकार लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में जानकारी सामने आई है कि एमपी के उज्जैन जिले में जल्द ही एक और मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहा है. जल्द ही इसका भूमि पूजन प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव करेंगे. इस संबंध में उन्होंने खुद कई अहम जानकारियां दी हैं. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और व्यापक बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है
कि स्वस्थ नागरिकों से ही आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव मजबूत होगी. सीएम मोहन ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी की सोच को साकार करने के लिए राज्य सरकार हर नागरिक तक सुलभ और उन्नत चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है. इस दिशा में प्रदेश 21 नवंबर को एक और इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है. इससे उज्जैन एवं आसपास के जिलों के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
मप्र में अब 17 मेडिकल कॉलेज Bhopal News
आगे जानकारी देते हुए सीएम ने बताया कि वर्ष 2003 तक प्रदेश में मात्र 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 17 हो गए हैं। प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें भी 720 से बढ़कर 2,575 हो गई हैं। श्योपुर, सिंगरौली, मंडला और राजगढ़ में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के साथ ही छतरपुर, दमोह और बुधनी में स्ववित्तपोषित अनुदान से मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही जनभागीदारी नीति के तहत 12 अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है।
इन शहरों में चल रहे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
मुख्यमंत्री ने बताया कि 20 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से एमबीबीएस की सीटों में 2,000 से अधिक की वृद्धि होगी। भोपाल और ग्वालियर में अस्पताल की बेड क्षमता 2,500 करने के साथ ही इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जबलपुर में पल्मोनरी मेडिसिन उत्कृष्टता विद्यालय और इंदौर में नेत्र उत्कृष्टता विद्यालय जैसी योजनाएं प्रदेश को चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं।
नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14 मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं, जो जल्द ही 37 हो जाएंगे। प्रदेश के 250 पैरामेडिकल कॉलेजों में करीब 25 हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हुई है।
30 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती
सीएम ने कहा कि प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, ताकि वे जिला अस्पतालों के समान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें। इसके साथ ही भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार 30 हजार से अधिक चिकित्सा और सहायक चिकित्सा पदों पर भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिकों से ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण संभव है। 592 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा मेडिकल कॉलेज उज्जैन मेडिकल कॉलेज 14.97 एकड़ भूमि पर बनेगा।
निर्माण क्षेत्र 1 लाख 42 हजार 34 वर्ग मीटर होना प्रस्तावित है। इसकी कुल लागत 592.3 करोड़ रुपये है। इसमें अग्नि सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता के लिए एलईडी लाइटिंग, सौर ऊर्जा और ऊर्जा कुशल एचवीएसी सिस्टम के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के साथ सीवेज उपचार संयंत्र का भी प्रावधान किया गया है। मेडिकल कॉलेज में फुट ओवर ब्रिज, लाइब्रेरी बिल्डिंग, सर्विस ब्लॉक, एमजीपीएस ब्लॉक और ईएसएस ब्लॉक की सुविधाएं शामिल हैं।
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