Rewa Today Desk: मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर रीवा अपनी खूबसूरत गोविंदगढ़ झील और उसके किनारे स्थित गोविंदगढ़ महल के लिए मशहूर है। झील की प्राकृतिक सुंदरता और महल की भव्यता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। स्थानीय लोगों द्वारा “आनंद का खजाना” कहे जाने वाले इस स्थान में न केवल प्राकृतिक सुंदरता बल्कि ऐतिहासिक विरासत का भी अनूठा मिश्रण है।
गोविंदगढ़ महल और किले की भव्यता
गोविंदगढ़ किला, जिसे गोविंदगढ़ महल के नाम से भी जाना जाता है, झील के किनारे स्थित है। यह महल न केवल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है, बल्कि उस समय के रीवा राजघराने की शानदार जीवनशैली का भी प्रमाण है। स्वतंत्रता के बाद, रियासतों के पतन के कारण महल को छोड़ दिया गया था। हालांकि, 2018 में इसे फिर से बनाने और इसे एक लग्जरी होटल में बदलने की योजना शुरू की गई थी।
पर्यटक आकर्षण
गोविंदगढ़ झील के किनारे फैले हरे-भरे बगीचे और आसपास का शांत वातावरण इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाता है। यहाँ का प्राकृतिक दृश्य अद्भुत है और सूर्योदय या सूर्यास्त के समय इस झील का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। इस झील के किनारे एक बेहतरीन रेस्टोरेंट भी स्थित है, जहाँ पर्यटक अपने परिवार के साथ लंच, डिनर का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहाँ सुसज्जित पार्किंग और रात्रि विश्राम की बेहतरीन व्यवस्थाएँ हैं, जो इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाती हैं।
गोविंदगढ़ पहुँचने के आसान साधन
हवाई मार्ग: रीवा में एक नया हवाई अड्डा बनाया गया है, जिससे देश के किसी भी कोने से यहाँ पहुँचना सुविधाजनक हो गया है। रेल मार्ग: गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन से झील और महल तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग: गोविंदगढ़ रीवा शहर से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अन्य शहरों से भी सड़क मार्ग द्वारा इस झील तक पहुँचा जा सकता है। उदाहरण के लिए, यह प्रयागराज से 140 किलोमीटर, खजुराहो से 165 किलोमीटर, सतना से 50 किलोमीटर, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से 120 किलोमीटर, जबलपुर से 230 किलोमीटर और चित्रकूट से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
गोविंदगढ़ झील का इतिहास और संरचना
गोविंदगढ़ झील का निर्माण 1855 में रीवा के महाराजा विश्वनाथ सिंह जूदेव ने करवाया था। यह झील करीब 850 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और राजा की इच्छा के अनुसार महल के पास एक विशाल ठंडे पानी के स्रोत के रूप में बनाई गई थी। इसे रीवा राज्य की राजधानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर इसलिए बनाया गया था ताकि राज्य की भव्य जीवनशैली और प्रकृति का एक साथ आनंद लिया जा सके। इस ऐतिहासिक झील का यह महल करीब एक सदी से रीवा के राजपरिवार का पसंदीदा निवास स्थान रहा है।
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