Rewa Today Desk :आम आदमी पार्टी से गुढ़ विधानसभा से हम बात कर रहे हैं प्रखर प्रताप सिंह की.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रभावित होकर मध्य प्रदेश के एक युवा ने अमेरिका में एक करोड रुपए सालाना की नौकरी छोड़ी, पहुंच गया जनता की सेवा करने, ठीक उसी तरीके से जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल ने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ी. दिल्ली का भला करने के लिए देश का भला करने के लिए और राजनीति में भी सफल हो गए. प्रखर भी कुछ ऐसा ही करना चाहता है.
प्रखर का क्या है सपना प्रखर प्रताप सिंह भले ही देहरादून के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए ,लेकिन उनका युवा मन कहीं ना कहीं अटका रहा अपनी जन्मभूमि से. बाबा निर्मल सिंह इलाके के प्रतिष्ठित व्यक्ति पेशे से शिक्षक हजारों लोगों को गायत्री शक्तिपीठ से जोड़कर बेहतर संस्कार भी दिए, यही कुछ मिला उनके बेटे भानु प्रताप सिंह को. भानु प्रताप से प्रखर को, प्रखर का सपना है, उनके क्षेत्र गुढ़ विधानसभा में शानदार सड़क, बेहतर बिजली पानी की सुविधा, कल कारखाने जिससे क्षेत्र में खुशहाली आ सके, प्रखर कहते हैं पैसा तो कोई भी कमा सकता है. लेकिन जनता का प्यार सबको नहीं मिलता, क्षेत्र की भलाई हर व्यक्ति नहीं कर सकता. माता-पिता की सेवा के साथ इलाके के लोगों का भला हो जाए इसमें क्या गलत है.
आर्किटेक्ट इंजीनियर है प्रखर प्रखर प्रताप सिंह ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, आर्किटेक्ट का डिप्लोमा लिया, इटली में भी सर्वश्रेष्ठ संस्थान से आर्किटेक्ट की पढ़ाई करने के बाद एक शानदार पैकेज पर अमेरिका में नौकरी कर ली, मन कहीं ना कहीं अटका रहा, अपनी मातृभूमि से, अपने शहर अपने गांव से माता पिता और बाबा भी यही चाहते थे, पैसा सब कुछ नहीं, अपने गांव आ जाओ. अंत में सब के संयुक्त फैसले ने प्रखर की करोड़ों की नौकरी छुड़वाया. अपने घर गांव बुला लिया.
गुढ़ विधानसभा विकास से कोसों दूर है. गुढ़ विधानसभा में एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र लगा है. लेकिन रोजगार किसी को नहीं मिला. कारखाने नहीं, सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं .प्रखर को इसी बात से तकलीफ है .प्रखर कहते हैं. आज का हर युवा उनके पैरेंट्स चाहते हैं. उनके आसपास इलाका साफ सुथरा होना चाहिए तमाम जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होने चाहिए. किसी भी सरकार को यह काम प्रमुखता से करना चाहिए. बाकी का काम जनता स्वयं कर लेती है. पढ़ने लिखने के बाद युवा बेहतर तरीके से अपना काम भी कर सकता है लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं. क्षेत्र के विकास के लिए बिल्कुल नए तरीके से काम करना पड़ेगा. आमतौर पर हर नेता ऐसा ही कहता है. इंजीनियर से नेता बने प्रखर प्रताप भी कुछ ऐसा ही कह रहे हैं लेकिन उनकी इस बात का जनता पर क्या असर पड़ेगा यह तो जनता को ही तय करना है, 17 नवंबर को जब जनता वोट देने जाएगी. हमें आपको पता चलेगा जनता का निर्णय 3 दिसंबर को तब तक इंतजार रहेगा जनता के फैसले का.
Today’s youth left the job worth Rs 1 crore and came to contest elections, we are talking about Prakhar Pratap Singh from Gudh Assembly from Aam Aadmi Party.
Inspired by Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, a young man from Madhya Pradesh left his job of Rs 1 crore per year in America to serve the public, in the same manner in which Arvind Kejriwal left his well-paid job. To do good for Delhi and for the good of the country, he also became successful in politics.
Prakhar also wants to do something similar. What is Prakhar’s dream? Even though Prakhar Pratap Singh went to America for further studies after Dehradun, his young mind remained stuck somewhere with his birthplace. Baba Nirmal Singh, a renowned person of the area and a teacher by profession, also imparted better values to thousands of people by connecting them with Gayatri Shaktipeeth, this is what his son Bhanu Pratap Singh got.
Bhanu Pratap to Prakhar, Prakhar’s dream is to have excellent roads in his area Gudh assembly, better electricity and water facilities, factories tomorrow so that the area can bring prosperity, Prakhar says anyone can earn money. But not everyone gets the love of the public, not every person can do good for the area. What is wrong in serving the parents for the welfare of the people of the area?
Prakhar Prakhar Pratap Singh, an architect and engineer, studied engineering, took a diploma in architect, after studying architecture from the best institute in Italy, got a job in America on a fantastic package, his mind was stuck somewhere, away from his motherland. Parents and Baba also wanted the same thing from their city and village, money is not everything, come to their village. In the end, everyone’s joint decision resulted in Prakhar getting rid of his job worth crores. Called me to my home village.
Gudh Assembly is far away from development. Asia’s largest solar power plant has been installed in Gurh Assembly. But no one got employment.
No factories, no proper irrigation system, no infrastructure. Prakhar is troubled by this. Prakhar says. Every youth today wants what their parents want. The area around them should be clean and all necessary infrastructure should be present. Any government should do this work on priority. The rest of the work is done by the public themselves. After studying and writing, the youth can do their work in a better way but there is nothing here. For the development of the area, work will have to be done in a completely new way. Usually every leader says the same.
Engineer-turned-politician Prakhar Pratap is also saying something similar, but what impact his words will have on the public is for the public to decide only when they go to vote on 17th November. We will let you know the public’s decision on 3rd December, till then we will wait for the public’s decision.
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