प्रदेश के पहले साइबर फ्रॉड मामले में, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी. मृतक महिला की सहयोगी 22 बर्षीय युवती को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल.
Rewa Today Desk :मऊगंज जिले में साइबर ठगी के मामले में 5 जनवरी को रेशमा पांडे ने जहर खा लिया था, जिनको उपचार के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल लाया गया था. जहां उनकी मौत हो गई थी. उसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा परिजनों द्वारा पुलिस में की गई शिकायत के बाद साइबर फ्रॉड का मामला निकाल कर सामने आया था मऊगंज पुलिस ने तेजी दिखाते हुएसाइबर ठगी के आरोपियों को राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती इलाके के अलवर जिले के रामगढ़ से तीन लड़कों की गिरफ्तारी कर ली थी उसके बाद मृतक महिला रेशमा पांडे की साथी युवती आंचल तिवारी से पुलिस ने की पूछताछ जिसे पहले पुलिस ने क्लीन चीट दे दी थी तो नया खुलासा सामने आया।
जिसमें साइबर फ्रॉड को पैसे भेजने के नाम पर आंचल तिवारी ने भी महिला रेशमा पांडे के साथ धोखाधड़ी कर पुराने ट्रांजेक्शन को बड़ी सफाई से नया करके फर्जी तरीके से 55 सौ रुपए भेजने का स्क्रीनशॉट महिला को को दे दिया आंचल तिवारी ने महिला शिक्षिका से बिक्री के लिए लेकर गई सोने के लॉकेट को खुद अपने घर रख लिया और महिला शिक्षक रेशमा को धोखा दिया पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आंचल तिवारी से दोबारा पूछताछ की तो एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें पुलिस ने आरोपी युवती आंचल तिवारी को गिरफ्तार कर रेशमा पांडे का लॉकेट आंचल तिवारी के घर से बरामद कर लिया है। लॉकेट बरामद होने के बाद पुलिस ने आंचल को न्यायालय में पेश किया जहां उसे जेल भेज दिया गया है
क्या है पूरा मामला
दरअसल मऊगंज के वार्ड 12 की रहने वाली रेशम पांडे एक पैसे दो पेज तीन पेज पांच पैसे के सिक्के थे उसने कहीं से सुना था इन सिक्कों के बदले में अच्छी खासी रकम मिलती है जिसके चलते उसने अपने बच्चों की शिक्षिका से बात की दोनों ने मोबाइल में सर्च किया और साइबर फ्रॉड अपराधियों तक पहुंच गई साइबर फ्रॉड अपराधियों ने महिला से धीरे-धीरे करके ₹22000 लूट लिए उसके बाद महिला को जेल भेजना की धमकी दी जिसके चलते महिला ने जहर खा लिया था महिला के परिजनों ने भी आंचल पर शक किया था लेकिन पुलिस ने उसको पहले क्लीन सेट दे दी थी बाद में लॉकेट की वजह से पुलिस के पूछताछ में आंचल पकड़ी गई और अब जेल के भीतर है .
बच्चों को पढ़ाया ट्यूशन बढ़ी जान पहचान
आंचल तिवारी न्यू आदर्श पब्लिक स्कूल मउगंज में प्राइवेट टीचर की नौकरी करती थी, रेशमा पांडे भी टीचर थी, दोनों के घर आसपास थे. रेशमा की बेटी नारायणी उर्फ महक एवं बच्चे शिवेश उर्फ कान्हा को टियुशन पढाती थी. जिससे रेशमा और आंचल में गहरी दोस्ती हो गई. और यही गहरी दोस्ती आगे चलकर रेशम की मौत का एक कारण बन गई. ऐसा कहा जा सकता है, अगर आंचल ने यह बात रेशम के परिजनों को बता दी होती तो शायद आज रेशमा इस दुनिया में होती. साइबर फ्रॉड के आरोपियों ने जब रेशमा से ₹5500 मांगे तब उसने आंचल को अपना लॉकेट दिया था, और कहा था ₹5500 इनको दे दो, लेकिन आंचल ने फर्जी तरीके से 5500 की रसीद रेशमा को दे दी थी, रेशमा ने जिसे साइबर फ्रॉड के आरोपियों को दे दिया था, और बात यहीं से बिगड़ गई, आंचल तिवारी को पहले पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी. बाद में खिचड़ी के दिन उसे एक बार फिर से पूछताछ के लिए बुलाया, और अपने तरीके से पूछताछ में आंचल में सारी बात पुलिस को बता दी. पुलिस ने आंचल को न्यायालय में पेश किया. जहां से अब उसे जेल भेज दिया गया है. इस तरीके से मऊगंज के पहले साइबर फ्रॉड मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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