Rewa Today Desk :2023 साल हो गए, आज भी लगता है कल की बात है. हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है, यह दिन ईसा मसीह का जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, पूरे देश दुनिया के साथ रीवा में भी बड़े ही धूमधाम से क्रिसमस मनाया गया.

प्यार शांति खुशी का संदेश देता है क्रिसमस पूरी दुनिया में लव, पीस और ज्वाय के संदेश के साथ क्रिसमस का त्यौहार मनाया गया, क्रिसमस के पर्व पर शहर के सभी चर्च में सुबह से ही तमाम धर्म के लोगों का आना-जाना लग रहा. शहर के सबसे पुराने शांति कुटीर चर्च में फादर ने विशेष प्रार्थना की. फादर ने देश दुनिया की खुशहाली के लिए, समाज की तरक्की के लिए, सभी की जिंदगी में उजाले के लिए ,भाईचारा बढ़ाने के लिए ,सब मिलजुल कर देश की तरक्की में हाथ बढ़ाएं, सब का योगदान हो, उनका कहना था तीन चीज याद रखिए लव ,पीस और ज्वाय लव यानी प्यार ,पीस यानी शांति ,अगर यह दोनों रहेगी तो ज्वाय यानी खुशी आपके पास हमेशा रहेगी. पूरी दुनिया 2023 सालों से ईसा मसीह को याद करते हुए इसी सूत्र पर काम कर रही है.
72 साल से एक ही जगह पर मनाया जा रहा क्रिसमस आज से 72 साल पहले रीवा के शांति कुटीर चर्च की स्थापना 1952 में की गई थी. उसके बाद से हर साल यहां पर क्रिसमस के खास मौके पर बच्चों के द्वारा विशेष प्रस्तुति दी जाती है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, इसी जगह पर 1984 में फ्रोमेंस मेमोरियल स्कूल की स्थापना भी कर दी गई, वर्तमान में 1500 से ज्यादा बच्चे यहां पर पढ़ते हैं. जिसमें से लगभग डेढ़ सौ बच्चे निशुल्क पढ़ाई करते हैं. रीवा के सभी चर्च में खास तौर से सर्वाधिक पुराने चर्च शांति कुटीर चर्च में सुबह से ही ईसाई धर्म के मानने वालों के साथ शहर के तमाम लोग मौजूद रहे. सब ने मिलजुल कर क्रिसमस का त्यौहार मनाया, एक दूसरे से गले मिलकर बधाई दी. प्रभु को यीशु को याद करते हुए गीत गए बच्चों ने रंग-बिरंगे कपड़ों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस मौके पर आकर्षक झांकियां की सजावट भी की गई थी. जो एक खुशनुमा माहौल में अलग ही छटा बिखेर रही थी. पूरे चर्च को दुल्हन की तरह सजाया गया था सब एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते नजर आ रहे थे.
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