सामूहिक विवाह में कुरीतियों के खिलाफ दें संदेश, खर्चीले आयोजनों से करें परहेज
Rewa Today Desk:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को रचनात्मक और उपयोगी स्वरूप प्रदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत मिलने वाले आर्थिक लाभ को सार्थक बनाने के लिए कार्यक्रमों में समाज के सक्षम और संपन्न वर्ग का सहयोग लिया जाए। साथ ही, इन आयोजनों में समाज सुधार और कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता संदेश दिए जाएं।
डॉ. यादव ने सादगीपूर्ण और कम खर्च वाले विवाहों को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह जैसे कार्यक्रम न केवल सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने का माध्यम बन सकते हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने की दिशा में भी अहम योगदान दे सकते हैं।
अशासकीय संगठनों की भूमिका और दिव्यांगजन सशक्तिकरण पर जोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को समत्व भवन में सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजनाओं की समीक्षा करते हुए अशासकीय संगठनों की सहभागिता पर चर्चा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन और मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने उज्जैन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां निजी संस्थाओं द्वारा दिव्यांगजन को फिजियोथेरेपी और अन्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसी तरह, नेत्रहीन और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष तकनीक से बने चश्मे भी कम कीमत पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे कार्यक्रम अन्य नगरों में भी लागू किए जाएं।
पेंशन योजनाओं और विधवा विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रचार आवश्यक
बैठक में मुख्यमंत्री ने पेंशन योजनाओं और विधवा स्त्रियों के पुनर्विवाह के लिए शासन द्वारा दी जा रही दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का प्रचार बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक जरूरतमंद कल्याणी (विधवा स्त्रियां) इस योजना का लाभ उठाएं। सामाजिक दृष्टि से यह एक पुण्य कार्य है।
गत वर्ष 13 करोड़ रुपए इस योजना में खर्च किए गए, जिससे प्रदेश में 675 विधवा विवाह संपन्न हुए। मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों को बढ़ाने और योजना के प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक प्रयास करने को कहा।
दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधाएं और जागरूकता अभियान
डॉ. यादव ने दिव्यांगजन के लिए विशेष साइकिल उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया, जो घर में व्हीलचेयर के रूप में उपयोग की जा सकती है। जयपुर पैर की उपलब्धता और इसके लाभ दिलाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया।उन्होंने उज्जैन में श्री सुधीर गोयनका द्वारा संचालित केंद्र का उदाहरण देते हुए अन्य शहरों में भी ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देने को कहा। केंद्र के माध्यम से 300 से अधिक दिव्यांगजन को सहायता प्रदान की जा रही है।
सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश और नशा विरोधी अभियान की अपील
बैठक में मृत्यु भोज पर रोक लगाने, सादगीपूर्ण विवाह को प्रोत्साहित करने और नशा विरोधी अभियान चलाने पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर समाज सुधार की ऐसी पहलें समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगी।सामाजिक कल्याण की योजनाओं और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

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