Rewa Today Desk : डायरेक्ट सेलिंग कारोबार की बड़ी कंपनी एमवे पर ईडी की नजर पड़ गई है. ईडी ने 4000 करोड रुपए से ज्यादा के मामले में हैदराबाद की स्पेशल कोर्ट में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है. और मामले की जांच प्रारंभ कर दी है. इस मामले में कोर्ट ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं .
मीडिया रिपोर्ट्स के हिसाब से मामला क्या है मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ईडी ने सोमवार को डायरेक्ट सेलिंग फॉर्म एमवे इंडिया के खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी है. धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत शिकायत दर्ज कराई है यह शिकायत बीते सोमवार को दर्ज कराई गई, इस पर मेट्रोपोलियन सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय ने तत्काल ही मामले को संज्ञान में लिया और जांच के आदेश दे दिए हैं. सबसे बड़ी बात मामले में निर्देशोंको के खिलाफ एफ आई आर को शामिल किया गया है.
क्या है ईडी का आरोप
डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एमवे पर ईडी के आरोपों से साफ तौर से पता चलता है एमवे कंपनी अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए अवैध तरीके से मनी सर्कुलेशन स्कीम को बढ़ावा दे रही है. ईडी की शिकायत में यह भी कहा गया है एमवे इंडिया कंपनी आम आदमी को अपने साथ जोड़कर उन्हें और भी नए सदस्य जोड़ने के लिए प्रेरित करती है. जिसके लिए वह बहुत ज्यादा कमिशन या इंसेंटिव देने की बात कहती है. जिसके चलते ईडी यह मान कर चल रही है, एमवे इंडिया यह दावा करके आम आदमी को धोखा दे रही है. जिसके चलते एमवे कंपनी अंतिम उपभोक्ता को सीधे सामान बेचने के बजाय वितरको के रुप मे कई मध्यस्थों की मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम चल रही है. ईडी के मुताबिक यह स्कीम एक पिरामिड स्कीम है, जिसके जरिए ऊपर वालों को भारी लाभ मिल रहा है ,इस स्कीम में नए जुड़े सदस्य कई और लोगों को नॉमिनेट करता है और एक चेन प्रक्रिया के रूप में चलता था. जिससे ज्यादा लोग जुड़ते थे कमीशन भी उसी हिसाब से बढ़ता था.
ईडी ने कितने का मामला पकड़ा प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पाया गया की कंपनी ने मनी सर्कुलेशन स्कीम के जरिए 4050.21 करोड रुपए कमाए हैं. इस रकम में से एक बड़ा हिस्सा विदेश चला गया, प्रवर्तन निदेशालय की माने तो कंपनी ने ₹2,859 करोड रुपए की राशि को विदेश में बैठे डायरेक्टर्स के खाते में ट्रांसफर किया है. ईडी ने मनी लांड्रिंग के इस मामले में कंपनी की 757.77 करोड रुपए की संपत्ति पर भी नजर रखी है.
पूरे मामले को लेकर एमवे की सफाई भी सामने आई है डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एमवे की पूरे मामले को लेकर सफाई भी सामने आई है. कंपनी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया है, यह मामला आज का नहीं है ,आज से लगभग 12 साल पुराना 2011 का है, हम प्रवर्तन निदेशालय को पूरा सहयोग कर रहे हैं. हमारी कंपनी प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा मांगे गए सारे डॉक्यूमेंट को उपलब्ध करा रही है. हम बीते 25 साल से देश में अपना कारोबार कर रहे हैं.
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