Rewa Today Desk नई दिल्ली, 10 मई 2025 – भारत में रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को मजबूत करता हुआ HAL तेजस (HAL Tejas) अब भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनता जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित यह हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft – LCA) आधुनिक तकनीक और स्वदेशी निर्माण का शानदार उदाहरण है।
तेजस: गर्व की उड़ान
HAL तेजस एक सिंगल-सीटर, सिंगल-इंजन सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे विशेष रूप से वायु सेना और नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है, जिससे यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का प्रतीक बन चुका है।
उन्नत तकनीक से लैस
तेजस में अत्याधुनिक एवियॉनिक्स, ग्लास कॉकपिट, मल्टीरोल क्षमताएं, और रडार से बचने की तकनीक (Stealth Features) शामिल हैं। इसकी अधिकतम गति 1.8 मैक तक जाती है और यह हवा से हवा, हवा से जमीन और हवा से समुद्र तक मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है।
निर्यात की ओर कदम
HAL तेजस की मांग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रही है। अर्जेंटीना, मलेशिया, मिस्र और फिलीपींस जैसे देशों ने इसकी क्षमताओं में रुचि दिखाई है। इससे भारत के रक्षा निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना बन रही है।
आने वाला भविष्य
भारतीय वायुसेना पहले ही तेजस के कई स्क्वाड्रन में इसे शामिल कर चुकी है। साथ ही, तेजस मार्क-2 और तेजस नेवी वर्जन पर भी काम चल रहा है, जिससे भारत की सैन्य ताकत और अधिक बढ़ेगी।



HAL तेजस सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह आने वाले समय में भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देता है।
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