Rewa Today Desk :प्रयागराज।माघ मेला 2024 की तैयारी अब शुरू हो गई है। जमीन समतलीकरण का कार्य इसी हफ्ते शुरू करा दिया जाएगा। मंगलवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक में समतलीकरण निविदा के लिए टेक्निकल बिड खुल गई।

माघ मेला 2024 इस बार महाकुंभ 2025 के रिहर्सल पर आयोजित होगा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सोलर हाईब्रिड एलईडी स्ट्रीट लाइट, वाटर एटीएम, विशेष डिजाइन के स्टैंड पोस्ट, थीमेटिक गेट, टायलेट में ओडर फ्री सोल्यूशन, खास डिजाइन के चेंजिंग रूम जैसे कुछ अभिनव प्रयोग होंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है।मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि मेला की तैयारियों में सबसे पहले जमीन समतलीकरण का कार्य होता है। इस काम को शुक्रवार तक शुरू करा दिया जाएगा। सभी पांच सेक्टरों व दो सब सेक्टरों की जमीन का सीमांकन का कार्य भी अंतिम दौर में है।
15 जनवरी से 8 मार्च तक चलेगा
आधा दर्जन से ज्यादा लेखपाल और अमीन इस कार्य के लिए लगाए गए हैं। इसकी मैपिंग कंप्यूटर पर लोड भी हो रही है। देव दीपावली के बाद सभी विभागों के कार्य आरंभ हो जाएंगे। मेला इस वर्ष 15 जनवरी 2024 से प्रारंभ होकर आठ मार्च तक चलेगा। लगभग 52 दिनों तक चलने वाला मेला 770 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। छह पांटून पुल बनाए जाएंगे तथा लगभग 110 किलोमीटर लंबी चेकर्ड प्लेट्स की सड़कें बनेंगी।गंगा का जल स्तर अभी लगभग 21 हजार क्यूसेक है। जल स्तर लगभग 13-14 हजार क्यूसेक होगा, तभी पांटून पुलों का निर्माण शुरू हो सकेगा। माघ मेला का स्नान आठ-नौ हजार क्यूसेक जल में कराया जाता है।मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 के मेला शुरू हो जाएगा मगर माघ मास 25 जनवरी से प्रारंभ होगा।

पौष पूर्णिमा 25 जनवरी से माघ मास प्रारंभ होगा तो 25 फरवरी को माघी पूर्णिमा होगी। नौ फरवरी को मौनी अमावस्या 14 फरवरी को वसंत पंचमी और आठ मार्च को महाशिवरात्रि होगी।संगम की रेती पर होने वाले इस आयोजन के लिए 111 करोड़ रुपये का बजट प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से शासन को भेजा गया है। पिछले वर्ष माघ मेला के आयोजन के लिए शासन से लगभग 76 करोड़ मिले थे, जबकि प्राधिकरण की ओर से 88 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भेजा गया था। इस बार मेला अवधि ज्यादा होने के चलते एस्टीमेट भी बढ़ गया।शासन से उम्मीद जताई गई है जल्द ही बजट की स्वीकृति मिल जाएगी, जिससे मेला की तैयारियां तेजी पकड़ेंगी। इस बार मेला पांच सेक्टरों तथा दो उप सेक्टरों में बसाया जाएगा। लगभग 770 हेक्टेयर क्षेत्रफल होगा। माघ मेला में गंगा पर छह पांटून पुल बनाए जाएंगे। मेला में लगभग छह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिसके मुताबिक ही व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
शाहिद नकवी की रिपोर्ट
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