मऊगंज पुलिस ने सायबर अपराधियों को राजस्थान से किया गिरफ्तार, गिरफ्तार अपराधियों में दो सगे भाई फिलहाल तीन की हुई गिरफ्तारी, साइबर फ्रॉड में मौत का मध्य प्रदेश का पहला है मामला.
Rewa Today Desk :मऊगंज पुलिस ने सायबर ठगी के 5 जनवरी के मामले में जिसमें रेशमा पांडे की रीवा के संजय गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी के तीन आरोपियों को राजस्थान के अलवर जिले से गिरफ्तार किया है। मध्य प्रदेश या यूं कहां जा सकता है ,देश में साइबर फ्रॉड के आरोपियों से डर कर किसी ने मौत को गले लगाया हो, इसके पहले कोई भी मामला निकलकर सामने नहीं आया था।
घटना का विवरण
मऊगंज निवासी एक महिला जिसका नाम रेशमा रेशमा पांडे था, को कथित रूप से सायबर ठगों द्वारा पिछले लंबे समय से सिक्कों के बदले में भारी भरकम रकम का प्रलोभन देकर, एक करोड़ 75 लाख रुपए का धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।उन्हें पुराने सिक्कों के बदले धनराशि देने का लालच दिया गया था, और पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। ₹22000 देने के बाद और पैसे की मांग पर ठगों की धमकियों से परेशान होकर महिला ने खुद को नुकसान पहुंचाने का कदम उठाया, जिससे उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु रीवा के संजय गांधी अस्पताल में हो गई।
मऊगंज पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर गहन जांच शुरू की। साक्ष्यों के आधार पर ठगों के हरियाणा राजस्थान बॉर्डर के पास अलवर में होने का पता चला, जिसके बाद मऊगंज से आठ पुलिसकर्मियों का दल साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना हुआ था। जिन्हें मदद की थी, अलवर के पुलिस अधीक्षक संजीव नैन और रामगढ़ थाना प्रभारी सवाई सिंह और साइबर सेल राजस्थान अलवर ने पुलिस टीम को वहां भेजा गया। जिसने तीन आरोपियों को पकड़ा और मऊगंज लेकर आ गई है।
गिरफ्तार आरोपी
रीवा जोन के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक साकेत प्रकाश पांडे और मऊगंज की पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर की निगरानी में, सायबर सेल की मदद से तीन संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जिनके नाम पुलिस ने यह बताएं हैं, जिसमें दो सगे भाई भी हैं।
साहिल खान (22 वर्ष), निवासी निनाली, अलवर।
मुनफेद खान (18 वर्ष), निवासी सोनागढ़, अलवर।
फरदीन खान (22 वर्ष), निवासी सोनागढ़, अलवर।
इन धाराओं पर किया गया मामला
मऊगंज थाना पुलिस ने मार्ग क्रमांक 1/25 धारा 194 बीएनएसएस प्रकरण कायम करके अपराध क्रमांक 18 / 25 धारा 308(3), 318( 4), 108, 351( 2) बीएनएस 66 (C) 66( D) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद किया है.
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक साकेत प्रकाश पांडे के निर्देशन और मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम बनाई गई। एसडीओपी अंकित सुल्या के नेतृत्व में टीम ने यह सफलता हासिल की।
उप निरीक्षक अनंत विजय सिंह
सायबर सेल के प्र.आर. विमल और उनकी टीमअन्य पुलिसकर्मी जिनमें आरक्षक नितिन शुक्ला, सुरेश यादव, अजय मौर्य आदि शामिल हैं।
विशेष सहयोग
राजस्थान के अलवर जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव नैन और रामगढ़ थाना प्रभारी सवाई सिंह का इस मामले में विशेष योगदान रहा। इसके अलावा साइबर सेल रीवा साइबर सेल राजस्थान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अपराधियों को गिरफ्तार करवाने में निभाई।
सायबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच मऊगंज पुलिस की यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है। इससे सायबर ठगों पर लगाम लगाने और पीड़ितों को राहत दिलाने में मदद मिलेगी।
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