MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक बार कहा था कि तहसील में मौजूद पटवारी कलेक्टर का बाप बन जाता था। अब जब प्रदेश का मुखिया खुद ऐसा बयान दे तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि तहसील में पटवारी के पास कितनी ताकत होगी, लेकिन अब सरकार के एक फैसले ने प्रदेश में मौजूद 25000 पटवारियों और 1300 राजस्व निरीक्षकों (आरई) के बीच हड़कंप मचा दिया है।
राज्य सरकार ने जल्द ही 12000 पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को उनके गृह तहसीलों (यानी जहां वे रहते हैं और वहीं काम कर रहे हैं) में भेजने की तैयारी कर ली है, सरकार के इस फैसले से प्रदेश में काफी असमंजस फैल गया है। प्रदेश के भू अभिलेख आयुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश भेजकर गृह तहसील में पदस्थ पटवारियों और आरई की सूची मांगी है।
जारी निर्देश में पुरानी नीति का जिक्र किया गया है और पटवारियों को गृह तहसील में पदस्थ नहीं करने की बात कही गई है आपको बता दें कि प्रदेश भर में तकरीबन 12000 पटवारी और आरई गृह तहसील में पदस्थ हैं, 25000 पटवारी पदस्थ हैं और करीब 1300 आरई भी हैं. सरकार के इस आदेश से उनमें खलबली मच गई है कि अब किसका तबादला किया जा सकता है. अगर सरकार ये आदेश जारी करती है तो जाहिर तौर पर विरोध के स्वर उठेंगे और ऐसा हुआ भी है।
मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि ये निर्देश पहले से पदस्थ पटवारियों पर लागू नहीं होते हैं पटवारी संघ का कहना है कि ये नियम सिर्फ नए पटवारियों पर ही लागू होते हैं। वहीं सरकार का कहना है कि काम में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए ये कदम उठाया गया है, लेकिन अब देखना ये है कि इस आदेश का प्रदेश में क्या असर होगा।
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