Rewa Today Desk : दहेज समस्या- दहेज भारतीय समाज के लिए एक अभिाषाप है। यह कुप्रथा घुन की तरह समाज को खोखला करती चली आ रही हैै। इसने नारी जीवन और सामाजिक व्यवस्था को तहस नहस कर दिया है
दहेज एक बुराई- दुर्भाग्य से आजकल दहेज की माॅंग जबरजस्ती की जाती है। दूल्हों के भावों लगतें हैं। बुराई की हद यहाॅं तक बढ़ गई है कि जो लोग जितना षिक्षित है समझदार है उसका भाव उतना हीे तेज होता है। आज डाॅक्टर इंजीनियर का भाव दस-लाख पंन्द्रह लाख आदि जितने अच्छी सर्विस वाले होते हैं। उनका भाव उतना ही ज्यादा होता है। ऐसे में कन्या का पिता कहाॅं मेंरे वह दहेज की मंडी में से योग्यता वर खरीदने के लिए धन कहाॅं से लाए बस यहीं से बुराई हो जाती हैं।
दुष्परिणाम- दहेज कुप्रथा के कई विभिन्न प्रकार दुष्परिणाम है। यह दहेज के कारण कन्या के पिता को विभिन्न प्रकार के कठिनाई और बेज्जाती का सामना करना पड़ती है। पिता को कन्या की ष्षादी के करने के लिए दुल्हे को दहेज देना पड़ता है लड़के के पिता जों दहेज की मांग करतें है वह दहेज देना पडता है। आजकल हर किसी की एक विचार धारा हो गई है कि यदि ष्षादी करनी है तो दहेज लेना आवष्यक हो गया है। वह लड़की की न तो योग्यता देखते है और नाही लडकी का स्वभाव परिवार सिर्फ दहेज से मतलब रहता है। समाज में दहेज के कारण आये दिन कन्या की आत्महत्या पिता की बेज्जती आत्महत्या आदि कई घटनाएं सामने आती है।
दहेज प्रथा की रोकथाम- यह कुप्रथा को रोकने के लिए लड़की और लड़का दोनों पक्ष को कानून का सहारा लेना चाहिए। यदि लड़का पक्ष गलत करता है तो कानून को जानकारी दे और ष्षादी होने पहले सब इस्टाप पेपर मे लिखा लेना चाहिए की हमे ष्षादी में दहेज नहीं देना है और यदि देना है तो इतना दहेज लड़की की पिता के हैसियत इच्छानुसार दहेज दिया जायेगा। दहेज रोकने का जागरूकता सरकार और समाज को चलाना चाहिए लोगो को बताना होगा यह लालच हमारे इंसान समाज देष सबको पीछे कर रहा और यह लाल्रच बरबाधी की तरफ ले जा रहा है। यह जानकारी लोगो को दे की दहेज प्रथा बहुत की बुरी प्रथा है।
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