Rewa Today Desk : मध्य प्रदेश में रेत माफिया के हौसले काफी बुलंद है पिछले दिनों शहडोल के व्यवहारी देवलों में खुलेआम ट्रैक्टर से एक सब इंस्पेक्टर को मार दिया गया इसके पूर्व पटवारी को भी ऐसे ही मार दिया गया था फिलहाल प्रशासन सख्त हुआ है अवैध कारोबारी पर शिकंजा कस रहा है लेकिन सवाल यह है मध्य प्रदेश की उत्तर प्रदेश सीमा से लगे हुए जवा थाना अंतर्गत कुछ इलाकों में अवैध रेत के कारोबार पर रोक कब लगेगी कारोबारीयो ने हाल के दिनों में शहडोल जिले के ब्योहारी के पास ट्रैक्टर से कुचलकर एक एस आई और एक पटवारी को मार डाला। उसके बाद प्रशासन के निर्देश पर पूरे प्रदेश में अवैध माफिया के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। रीवा जिले में प्रशासन ने एक भी जगह नदी से बालू निकालने की इजाजत नहीं दी है। लेकिन मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीमा पर टमस नदी घाट भडरा कोनी जोन्हा गाढा 138 गोहटा पथरौडा बूची भूनगाव चांदी सहित अन्य घाटों में खुलेआम अवैध रेत का उत्खनन किया जाता है।
जिसके कुछ वीडियो मौजूद है इसबात की जानकारी खनिज विभाग के पास भी है खनिज विभाग का कहना है वह समय-समय पर कार्रवाई करता भी रहता है। इस इलाके में हमारे पास मौजूद विजुअल चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यहां पर अवैध उत्खनन होता है। और वह भी काफी बड़े पैमाने पर होता है यही नहीं इस इलाके से अवैध बालू उत्खनन के साथ अवैध गिट्टी अवैध परिवहन दिन-रात होता है बस एक थाना पार किया और पूरी तरीके से बदल जाता है प्रदेश अवैध कारोबारी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश पहुंच जाते हैं। और अपने आपके खुले आम सुरक्षित समझते हैं इस इलाके में लिए कभी भी आपकोखुलेआम ट्रैक्टर, हाईवा, ट्रैक, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीमा पर लगातार आते-जाते नजर आ जाएंगे . इन पर कोई भी ठोस कार्यवाही आज तक नहीं हुई यह व्यापार कभी भी बंद नहीं हुआ . आमतौर पर इलाके के दबंग अवैध रूप से रेत कारोबारी टमस नदी से बालू निकलते हैं। और मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में पहुंच जाते हैं।
यह कारोबार लंबे समय से चल रहा है। यह एक सवाल है जिसका जवाब कोई भी देने के लिए तैयार नहीं. आखिर इस कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लगता अब जब शहडोल जिले के ब्योहारी और उसके आसपास अवैध खनन की वजह से दो मौत हो गई तो, रीवा जिला खनिज विभाग कार्यवाही करने की बात कह रहा है. पूरे मामले को लेकर हमने जिला खनिज अधिकारी दीप माला तिवारी से बात की उन्होंने स्वीकार कुछ इलाके में अवैध खनन होता है हम स्थानीय लोगों को समझाइस देते हैं कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की मदद से हम इसको रोकने का प्रयास करते हैं . दावे तो सभी बड़े अधिकारी कर्मचारी करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत में यह सब दिखाई नहीं देता अब जब अवैध रेत के कारोबारी ने शहडोल में पुलिस के सब इंस्पेक्टर और पटवारी की हत्या कर दी उसके बाद प्रशासन जगने की बात कर रहा है अब देखना होगा रीवा जिले में अवैध रेत का कारोबार कब बंद होता है। रीवा जिले की पहचान ही पत्थरों से है यहां जितना सीमेंट बनता है आसपास के इलाकों में जितना चूना पत्थर है देश के काम ही हिस्सों में आपको मिलेगा जिसके चलते माना जाता है यह अवैध कारोबार काफी फलता फूलता रहता है लेकिन फिर वही सवाल है किस की शह पर।
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