भारत में बढ़ते दिल के दौरे का खतरा: जानें वजह और रोकथाम के उपाय
Rewa Today Desk नई दिल्ली: भारत में हाल के वर्षों में दिल के दौरे की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अनियमित जीवनशैली, तनाव, और खानपान की आदतें इस बढ़ते खतरे के प्रमुख कारण बन रहे हैं। खासकर युवा वर्ग में हार्ट अटैक के मामलों में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है, जो न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।
दिल की बीमारियों के मुख्य कारण
दिल की बीमारियों में वृद्धि के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतर भारतीय लोग अब शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं। घर से काम करने और टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग ने शारीरिक गतिविधियों को कम कर दिया है। साथ ही, तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड के बढ़ते सेवन ने कोलेस्ट्रॉल और मोटापे की समस्याओं को बढ़ावा दिया है। इन आदतों से दिल पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, तनाव और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे भी दिल की बीमारियों में योगदान कर रहे हैं। आज के समय में काम का अत्यधिक दबाव और परिवार तथा समाज से बढ़ती अपेक्षाएं तनाव को जन्म देती हैं। यह तनाव धीरे-धीरे हृदय को कमजोर बना देता है, जिससे अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
खासतौर पर युवाओं पर खतरा क्यों?
पहले जहां दिल के दौरे की समस्या वृद्धों तक सीमित मानी जाती थी, वहीं अब 30 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है आधुनिक जीवनशैली में धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, अनियमित खानपान, और व्यायाम की कमी। इसी वजह से युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
रोकथाम के उपाय
दिल की बीमारियों से बचाव के लिए हमें अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने की जरूरत है:
- नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट की कसरत या योग करने से हृदय स्वस्थ रहता है।
- संतुलित आहार लें: ताजे फल, सब्जियां, और फाइबर युक्त आहार को प्राथमिकता दें और तले-भुने भोजन से बचें।
- तनाव कम करें: मेडिटेशन और ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति पाने की कोशिश करें।
- धूम्रपान और अल्कोहल से दूर रहें: ये आदतें हृदय रोग का जोखिम बढ़ाती हैं, इसलिए इन्हें छोड़ना जरूरी है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर का समय-समय पर परीक्षण करवाएं, ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता चल सके।
सरकार और स्वास्थ्य संगठनों का प्रयास
सरकार और विभिन्न स्वास्थ्य संगठन भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ‘स्वस्थ भारत अभियान’ और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया जा रहा है।
हृदय रोग की समस्या अब केवल वृद्धावस्था का मुद्दा नहीं रहा है, बल्कि यह सभी आयु वर्गों में फैल रहा है। इस बढ़ते खतरे से बचने के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या और जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है। यदि समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में दिल की बीमारियाँ भारत के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन सकती हैं।
zeeshan Javed Holistic Healer & Naturopath
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