Rewa Today Desk :शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा के समाज कार्य विभाग में सृजनात्मक अभिव्यक्ति विषय पर छात्रों के असाइनमेंट के प्रस्तुतीकरण पर दो दिवसीय कार्यशाला प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के निर्देशन एवं विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश शुक्ल के संयोजन में आयोजित की गई। कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार कलाकार अपनी कला के माध्यम से अपने आप को अभिव्यक्त करता है या फिर लेखक अपनी रचना के माध्यम से विचारों को प्रकट करता है, उसी प्रकार छात्र अपने विचारों को वाणी के माध्यम से अभिव्यक्त करता है। वाणी ही विचारों को सम्प्रेषित करने का एक सहज सुलभ सशक्त माध्यम है।

इसके साथ ही चेहरे के हाव भाव, आवाज का उतार चढ़ाव, शब्दों का चयन, लहजा, आंखों की भाषा, अंग संचालन आदि भी वॉचिक अभिव्यक्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। किसी व्यक्ति को जानने-परखने के लिये उसके वैचारिक दृष्टिकोण को जानना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है दूसरों के सामने अपने विचारों को अभिव्यक्त कर पाने की कला। समाज कार्य के तृतीय सेमेस्टर के छात्रों ने सामाजिक विधान का महत्व, विवाह, दहेज अनैतिक व्यपार हेतु सामाजिक विधान, भारत में महिलाओं हेतु कानून, श्रम सम्बन्धी कानून, सामाजिक सुरक्षा, सामुदायिक संगठन की रणनीतियाँ, सामुदायिक विकास, सामाजिक क्रियाएँ, परिवार के कार्य एवं संरचना में परिवर्तन, भारत में वृद्ध व्यक्तियों की स्थिति, भारत में वृद्ध व्यक्तियों की आवश्यकताएँ एवं समस्याए, संगठन में कल्याण एवं विकास की अवश्यकता, प्रबंन्धन प्रक्रिया, कार्यक्रम प्रबन्धन आदि विषयों पर पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया। कार्यशाला के प्रथम दिवस के आयोजन में डॉ गुंजन सिंह, डॉ शिव बिहारी कुशवाहा, डॉ प्रियंका तिवारी का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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