मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करना सरकार की प्राथमिकता: सीएम डॉ. मोहन यादव
Rewa Today desk : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तिकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने, आधुनिक तकनीक से लैस स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने और स्वास्थ्य विभाग में 46,000 से अधिक कर्मचारियों की शीघ्र भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। समत्व भवन से ‘पीएम जनमन अभियान’ के तहत 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने इसे दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रत्येक गांव तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवाएं
सीएम ने आश्वासन दिया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मोबाइल मेडिकल यूनिट्स ओपीडी, बीमारी की पहचान, उपचार और दवाइयां प्रदान करेंगी। हर यूनिट में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और उन्नत चिकित्सा उपकरण होंगे। इस पहल से राज्य के स्वास्थ्य मानकों में सुधार होगा और इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य पूरा होगा।
21 जिलों के 1,268 गांवों को मिलेगा लाभ
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स 21 जिलों के 87 विकासखंडों के 1,268 गांवों में 3,12,246 लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएंगी। इन जिलों में अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दतिया, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, सतना, शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, जबलपुर, रायसेन, उमरिया, और विदिशा शामिल हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति
उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि ‘पीएम जनमन अभियान’ के तहत शुरू की गई 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स राज्य के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के उत्कृष्ट समन्वय से स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में प्रगति हुई है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की विशेषताएं और सेवाएं
प्रत्येक यूनिट में डॉक्टर, नर्स, एएनएम/एमपीडब्ल्यू, लैब टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और ड्राइवर होंगे। यह यूनिट्स 14 प्रकार की जांच, 65 प्रकार की दवाइयां, और 29 प्रकार की स्वास्थ्य सामग्रियां प्रदान करेंगी। यूनिट्स टीबी, कुष्ठ रोग, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों का उपचार करने के साथ मातृ-शिशु देखभाल, मधुमेह, हाइपरटेंशन और किडनी रोगों की जांच भी करेंगी।
इनमें नवजात शिशुओं की देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, पोषण परामर्श, बुजुर्ग देखभाल, और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं शामिल होंगी। जीपीएस प्रणाली से लैस ये यूनिट्स हर महीने 24 दिन काम करेंगी और प्रतिदिन 50 मरीजों का इलाज करेंगी।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव श्री संदीप कुमार यादव, एनएचएम की एमडी डॉ. सलोनी सिदाना, और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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